छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण पर लगी रोक हटने के बाद पूर्व सीएम का बयान कहा, भाजपा सरकार के नीतियों की हुई जीत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण को मुद्दा बनाकर युवाओं का समय बर्बाद किया है : पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की नीतियों की जीत है

दरअसल सन 2012 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर 58% आरक्षण देने का फैसला किया था इसी आरक्षण को जारी रखने का अंतरिम आदेश अब सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन को दिया है इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर 58% आरक्षण देने का फैसला किया जिसमें अनुसूचित जाति को 12 % अनुसूचित जनजाति को 32% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण था। बाद में कांग्रेस शासन में कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने इस आरक्षण को न्यायलय में चुनौती दी, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार इसके पक्ष को मजबूती से न रखते हुए उच्च न्यायालय में इसे साढ़े 4 वर्षों तक अटकाए रखा। बाद में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में रखा गया तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार के जनसँख्या के आधार पर लागू किये गए 58% आरक्षण को जारी रखकर भाजपा सरकार के फैसले में मुहर लगाया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार को इससे सीख लेनी चाहिए और आरक्षण को राजनैतिक मुद्दा न बनाकर जनहित के कार्य करने चाहिए। पिछले साढ़े 4 सालों में कांग्रेस की कुनीतियों और आरक्षण के राजनीतिकरण की वजह से हजारों युवाओं ने अपना कीमती समय गंवाया है, भर्तियाँ न आने की वजह से उनमे हताशा है इसलिए तत्काल भर्ती की प्रक्रिया को अचार संहिता लगने से पहले पूर्ण किया जाना चाहिए।

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