जन-जन तक पहुंचे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ, कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश.

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मोतियाबिंद मुक्त जिला के लिए 15 से 30 मई तक किया जाएगा सघन सर्वे

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जगदलपुर

जगदलपुर : कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने अंतिम व्यक्ति तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य से संबंधित शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया। कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने बुधवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा करते हुए बस्तर जिले को मोतियाबिंद मुक्त जिला बनाने के लिए मिशन मोड में काम करते हुए 15 से 30 मई तक सघन सर्वे करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, डेंगू के प्रकरण और मौसम जनित बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को मरीजों के खून जांच की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया।

कलेक्टर ने बैठक में एम्बुलेंस व्यवस्था, मानव संसाधन, दवाईयों की उपलब्धता-वितरण, संस्थागत प्रसव, मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, पोषण पुनर्वास केंद्र, टीकाकरण, चिरायु योजना, मोतियाबिंद सर्वेक्षण, मौसम जनित बीमारियों की रोकथाम, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, टेलीमेडिसिन सेवाओं और गर्भवती महिलाओं की एएनसी पंजीयन की समीक्षा की, साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ वेलनेश सेंटर के निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की।

कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव कम होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने अस्पताल में भी स्वास्थ्य कर्मियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने संस्थागत प्रसव के उपरांत माता और बच्चे को शासन द्वारा निर्धारित समयावधि तक स्वास्थ्य केंद्र में रखने के निर्देश दिए। जिले में घर में हुई प्रसव की भी ऑडिट रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने पुनर्वास केंद्र में इलाज की दर कम होने का कारण भी जानने की आवश्यकता बताई। साथ ही केंद्र में पदस्थ फीडिंग डेमोस्टेटर के माध्यम से प्रतिदिन की डाटा संधारित करने के निर्देश दिए। संस्थागत टीकाकरण में छूटे हुए बच्चों का नियमित टीकाकरण करने कहा। चिरायु योजना के तहत स्कूली बच्चों का टीकाकरण व स्क्रीनिंग कम होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। योजना के तहत लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए स्कूलों व आश्रम छात्रावास में रूट चार्ट के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए, साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में चिरायु की टीम को जाने के निर्देश दिए।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की आवश्यक मानव संसाधन के संबंध में भी चर्चा किया गया। जिसमें कलेक्टर ने संलग्न अधिकारी-कर्मचारियों को मूल पदस्थापना के लिए मुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार करने को कहा। साथ ही विकासखंड चिकित्सा अधिकारियों को अवकाश पर जाने या मुख्यालय छोड़ने की सूचना अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में आरबीएसके की टीम से बेहतर सेवाएं लेने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जहां मानव संसाधन की कमी है उन जगहों पर इनका उपयोग करें। उन्होंने एएनसी पंजीयन के उपरांत गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए मितानिनों को अधिक मेहनत करने की जरूरत बताई।

कलेक्टर ने मातृ-मृत्यु दर में कमी के लिए गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य से संबंधित संपूर्ण जानकारी देने के निर्देश दिए। साथ ही शिशु-मृत्यु दर की आडिट रिपोर्ट की जानकारी 15 दिन में देने के निर्देश दिए। एनटीईपी कार्य के तहत घर-घर सर्वे कर संभावित मरीजों की जांच कर जिन ब्लॉक में जहां ज्यादा मरीज हैं, वहां पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत किए गए रेफर तथा उपचारित मरीजों का भी जानकारी रखने तथा टेलीमिडिन सेवाओं में आवश्यक चिकित्सकों की डयूटी लगाकर सेवाएं देने के निर्देश दिए। जिले में संचालित डेंटल ओपीडी के लिए आवश्यक संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर के चतुर्वेदी, सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद, सातों विकासखंड के स्वास्थ्य अधिकारी, डीपीएम सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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