जशपुर जिले में हस्तशिल्प से बढ़ रहा है रोजगार : छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के द्वारा हस्तशिल्पियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण, हो रही आमदनी
May 15, 2023प्रशिक्षण उपरान्त रायपुर, दुर्ग, भिलाई, जगदलपुर एवं कोण्डागांव के विभिन्न प्रदर्शनीयों में ले जाकर बेचा जा रहा है समान
20 पहाड़ी कोरवा विषेश जनजाति के हितग्राहियों को भी किया गया है प्रशिक्षित
आकर्षक टोकरी एवं सजावटी वस्तु के विक्रय से अब तक लगभग 7-8 लाख तक की हुई है आमदनी
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित हस्तशिल्पियों के द्वारा हस्तशिल्प को रोजगार का आधार बनाकर एक अच्छा आय अर्जित कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांसाबेल ब्लाक के ग्राम कोटानपानी में छिंदकांशा से आकर्षक टोकरी एवं सजावटी वस्तु बनाने का वर्ष 2021-22 में 60 महिलाओं को 03 माह का प्रशिक्षण दिया गया। इन्हें प्रशिक्षण के दौरान क्षतिपूर्ति भत्ता भी दिया गया। प्रशिक्षण उपरांत विभिन्न प्रदर्शनीयों में रायपुर, दुर्ग, भिलाई, जगदलपुर एवं कोंडागांव में समान ले जाकर बेचा गया और लगभग 7-8 लाख का आय अर्जित किया गया। प्रदर्शनी में जाने-आने का किराया तथा लगेज की राशि की प्रतिपूर्ति बोर्ड द्वारा वहन की गई तथा इन्हें बोर्ड द्वारा प्रतिदिन 300 रुपए के मान से क्षतिपूर्ति भत्ता भी दिया गया।
वर्तमान में इस कार्य में कोटानपानी के लगभग 100 महिलाऐं संलग्न हैं। इसके अतिरिक्त मनोरा ब्लाक के ग्राम अलोरी, डुमरटोली एवं बोरोकोना में वुडकाविंग का 03-03 माह का प्रशिक्षण दिया गया इसमें भी प्रतिमाह राशि रू.1500 की छात्रवृति राशि का भुगतान किया गया।
उल्लेखनीय है कि 20 पहाड़ी कोरवा विषेश जनजाति के हितग्राहियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान में ग्राम अलोरी, डुमरटोली से कुल 7.29 लाख की कलाकृति क्रय कर 40 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है और बोरोकोना के हितग्राहियों को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। बांस शिल्प में ग्राम चिरोटोली एवं तोरा में 20-20 हितग्राहियों को बांस के कलात्मक सजावटी एवं उपयोगी सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। वर्तमान में विकासखंड दुलदुला में 40 महिला हितग्राहियों को गोदना शिल्प में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।