अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को मिली सफलता : अवैध संबंध के चलते आरोपियों द्वारा घटना को दिया गया था अंजाम, आरोपियों द्वारा हत्या कर मृत बालक के शव को फेंक दिया था कुंआ में, भेजा गया न्यायिक रिमाण्ड में.
May 27, 2023अंधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने हेतु किया गया था विशेष टीम का गठन
मौके पर एफएसएल टीम एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का किया गया था निरीक्षण
आरोपी मां द्वासा बाई धीवर एवं राजू धीवर को दिनांक 27 मई 23 को भेजा गया न्यायिक रिमाण्ड में
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा
जांजगीर-चांपा : प्रार्थियां द्वासा बाई धीवर निवासी मुड़पार द्वारा दिनांक 14 अप्रैल 23 को चौकी नैला में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 13 अप्रैल 23 को इसका नाबालिग लड़का घर में नहीं है, आसपास पता करने पर कोई पता नहीं चला। जिसे कोई अज्ञात आरोपी द्वारा अपहरण कर ले जाने की रिपोर्ट पर चौकी नैला में अपराध क्रमांक 269/23 धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान दिनांक 13 मई 23 को प्रार्थियां के घर के बाड़ी से लगे कुंआ में एक बालक का शव तैरता हुआ मिला। जिसे कुंआ से निकालने पर प्रार्थियां द्वारा उक्त बालक की पहचान अपने पुत्र के रूप में की गई। मृत बालक का पैर तार एवं पत्थर से बंधा हुआ था। जिस पर मर्ग कायम कर शव पंचनामा कार्यवाही कराकर मर्ग जांच उपरांत प्रकरण में धारा 302, 201,34 भादवि जोड़ी जाकर विवेचना की जा रही थी।
विवेचना के दौरान घटना की गम्भीरता को देखते हुए मौके पर एफएसएल वैज्ञानिक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होकर घटना स्थल निरीक्षण किया गया एवं डॉग स्कॉट की टीम भी भेजी गई, प्रकरण के सम्बंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। प्रकरण के संदेही मृतक की मां द्वासा बाई धीवर एवं चाचा राजू धीवर को पुलिस हिरासत में लेकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर अपने मेमोरण्डम कथन में बताये कि मृतक के पिता वर्ष 2008 से हत्या के प्रकरण में सजा होने पर बिलासपुर जेल में निरूद्ध है। इसी दौरान द्वासा बाई धीवर एवं राजू धीवर के मध्य प्रेम संबंध स्थापित हो गया था। दिनांक 13 अप्रैल 2023 को दोनों तिलई के बैंक से वापस घर आये और बाद में मृतक बालक दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया तथा उक्त घटना के संबंध में मृतक द्वारा जेल जाकर अपने पिता को बताऊंगा, कहने पर आरोपी राजू धीवर मृतक बालक के गला एवं मुंह को दबाकर हत्या कर दिया एवं मृतक के पैर को बाड़ी में रखे तार एवं पत्थर से बांधकर शव को कुंआ में फेंक देना बताया गया।
अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में उप पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर परमा, एसडीओपी चांपा यदुमणि सिदार, निरीक्षक लखेश केवट, चौकी प्रभारी नैला उपनिरीक्षक गजा लाल चंद्राकर, उपनिरीक्षक पुष्पराज साहू, सहायक उपनिरीक्षक दिलीप सिंह, सहायक उपनिरीक्षक राम खिलावन साहू, प्रधान आरक्षक बलवीर सिंह, राजकुमार चंद्रा, आरक्षक जितेश सिंह, आरक्षक गोपेश्वर सिंह, महिला प्रधान आरक्षक राजकुमारी का विशेष योगदान रहा।