राज्य महिला आयोग कार्यालय में जनसुनवाई, 20 प्रकरण में 16 पक्षकार उपस्थित हुए, 5 प्रकरण नस्तीबद्ध शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया, समाज प्रमुखों ने 30,000 रुपये व एक अन्य प्रकरण में 63,000 रुपये वापस करना स्वीकार कर माफी मांगी

November 25, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनीता रावटे एवं श्रीमती नीता विश्वकर्मा की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। एक प्रकरण में आवेदिकागण ने आयोग के समक्ष बताया कि एक शिक्षक होने के साथ समाज का सचिव है और समाज के लोगो को डराकर अर्थदंड वसूलता है।

इस प्रकरण में आवेदिकागण की भतीजी का विवाह जिस लड़के से हुआ था वह शादी के तुरंत बाद अत्यधिक नशे की हालत में पागलो की तरह हरकत कर रहा था। जिसके कारण आवेदिकागणों की भतीजी ने ससुराल जाने से मना कर दिया। जिसके कारण आवेदिकागणों से तीस हजार रुपये अर्थदंड की वसूली समाज के प्रमुखों ने की। समाज प्रमुखों को संवेदनशीलता का परिचय देना था परंतु अनावेदकगणों ने उस शराबी को पैसा दिलवाया और आवेदिकागणों से बात करने वाले गांव समाज के लोगों पर पन्द्रह पन्द्रह सौ रुपये का अर्थदंड लगाया क्योंकि वह इन लोगों से बात करते थे, और गांव वालों से भी 45 हजार वसूला है। इस प्रकार अनावेदकगणों ने अवैध रूप से सामाजिक दण्ड वसूला है, जिसकी देनदारी की जिम्मेदारी अनावेदकगणों की है। आयोग की समझाइश पर समाज प्रमुखों ने आवेदिकागणों से आयोग के समक्ष माफी मांगा है, और अर्थदंड की वापसी के लिए समय की मांग भी किये हैं आगामी सुनवाई में अर्थदंड के साथ समाज प्रमुख को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में समाज प्रमुखों ने 63,000 रूपये वापस करने की मंजूरी दी और आयोग के समक्ष आवेदिकागणों से माफी मांगी।

एक अन्य प्रकरण में एक महाविद्यालय की छात्रा ने आयोग के समक्ष शिकायत में  आवेदिका और अनावेदक एक दूसरे के खिलाफ गलत फहमी के कारण टीका टिप्पणी, मारपीट की घटना हुई है,जिससे आवेदिका को परेशानी हुई। चूंकि दोनो महाविद्यालय के छात्र है और पढ़ाई के अंतिम वर्ष में है आयोग की समझाइश पर दोनो पक्षों ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया है कि भविष्य में किसी भी तरह से सोशल मीडिया में गलत टिप्पणी नही करेंगे। इस तरह प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह अन्य दो प्रकरण में पति पत्नी को आयोग द्वारा समझाइश दिए जाने पर एक साथ रहने तैयार हुए जिससे प्रकरण सुनवाई के दौरान नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आयोग के समक्ष अनावेदक द्वारा अपशब्द कहकर दुर्व्यवहार किया गया है। आवेदिका लगभग 80 वर्षीय वृद्ध महिला है जिसकी शिकायत अनावेदक के विरुद्ध गाली गलौच, दुर्व्यवहार करने की है। जिसे गम्भीरता से लिया जाकर आवेदिका को यह निर्देशित किया जाता है कि अपने थाना क्षेत्र में जाकर जुर्म दर्ज करा सकती है।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी से कोर्ट में तलाक नही लिया है और दूसरी शादी कर ली है। दूसरी पत्नी से 10 साल 8 साल 6 साल के तीन बच्चे है। पहली पत्नी से चार बच्चे है जिसका पालन पोषण आवेदिका ने किया है। अनावेदक ने यह भी स्वीकार किया कि अपनी पत्नी को कोई भरण पोषण राशि नही दिया है। अनावेदक 1500 रुपये महीना देने की बात कर रहा है। आवेदिका को 3000 रुपये देने की बात करेगा तो आवेदिका उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नही करेगी।

जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 16 पक्षकार उपस्थित हुए तथा  5 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।