मकान के अंदर घुसकर चोरी करने वाले विधि से संघर्षरत चार बालकों को भेजा गया बाल संप्रेषण गृह !
June 4, 2023चारों विधि से संघर्षरत बालकों के विरूद्ध धारा 457, 380 भादवि के तहत जांजगीर कोतवाली पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा
जांजगीर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी रामनारायण कहरा निवासी जांजगीर ने थाना आकर रिर्पोट दर्ज कराई थी कि भीमापार के पास मेरा पुराना घर एवं दुकान स्थित है, जिसमें हम लोगों का किराना दुकान है। दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार उक्त दुकान को मेरे माता पिता चलाते है, दिनांक 01 जून 2023 को रात्रि करीबन 9:00 बजे मेरे माता-पिता दोनों दुकान एवं घर में ताला लगाकर नये घर में सोने आये थे। हम लोग सभी खाना खा कर रात्रि करीब 10:30 बजे सो गये थे। दिनांक 02 जून 23 को मेरे माता पिता दुकान खोलने के लिये सुबह करीबन 05:30 बजे पुराना घर गये, दुकान का लगा हुआ ताला को खोलकर वे दोनो घर अंदर गये, कार्य में व्यस्त हो गये। करीबन 09:30 बजे मेरी मां मंगली बाई कहरा एलआईसी का पैसा पटाने के लिये घर के दुसरे कमरे में रखे अलमारी को खोली तो देखी की अलमारी का लाकर खुला हुआ था, उसमें रखे सोने का – 01 जोडी झुमका, 04 नग फुल्ली, 12 नग पीपल पत्ती, 01 नग ओम लाकेट, 03 नग बाली, चांदी का – पायल 02 जोड़ी, मांघामोती एक सेट, बीछिया 06 जोडी, नगद रकम 12,000/- रूपये, कुल जुमला कीमत करीबन 90,000/- रूपये गायब था।
घर में खोज बीन किया जो नहीं मिलने पर मेरी मां ने मुझे फोन कर बताया, तब मैं भी जाकर देखा हूँ, कोई अज्ञात चोर द्वारा घर के पीछे दिवाल के रोशनदान को तोडकर घर अंदर घुसकर उक्त मशरूका को चोरी कर ले गया है। विवेचना के दौरान पता चला कि विधि से संघर्षरत चारों बालक घटना में शामिल हैं, जिसका पता चलने पर सादी वर्दी में पूछताछ करने पर बताएं कि सभी भीमा तालाब पार में शराब पीने के बाद खाई खजाना, स्प्राइट लेने के बहाने प्रार्थी के दुकान के पास पहुंचे, तब दुकान बंद होने से दीवाल फांद कर रोशनदान के माध्यम से प्रवेश कर अलमारी में रखे सोने-चांदी के जेवरात को चोरी कर आपस में बंटवारा कर लिए हैं। चारों विधि से संघर्षरत बालकों के कब्जे से चोरी गई संपत्ति, सोना चांदी को बरामद कर विधिवत फॉर्म नंबर 8 भरकर माननीय किशोर न्यायालय में पेश किया गया, विधि से संघर्षरत बालकों को बाल संप्रेषण गृह भेजने की अनुमति प्राप्त होने पर बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है। इस प्रकरण की कार्यवाही में निरीक्षक लोकेश केवट, प्रधान आरक्षक जगदीश अजय, प्रधान आरक्षक जितेन सिंह परिहार, आरक्षक सोमेश शर्मा, आरक्षक प्रशांत चंद्रा का सराहनीय योगदान रहा।