अनियमित कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर उतरे सड़क पर, धरना प्रदर्शन में प्रदेश भर से 37 अनियमित संघों के तीन हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी हुए सम्मिलित.

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अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर अनियमित कर्मचारी कर रहे है आंदोलन.

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बेनर तले नियमित भर्ती पर रोक लगाने सहित अपनी 5 सूत्रीय मांग यथा नियमितीकरण, पृथक कर्मचारियों की बहाली, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिंग/ठेका बंद करने एवं दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने को लेकर आज 11 जून को तुता नवा रायपुर में धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव किया तथा ज्ञापन सौंपा। धरना प्रदर्शन में प्रदेश भर से 37 अनियमित संघों के 3 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी सम्मिलित हुए।

अनियमित कर्मचारी मोर्चा के संयोजक गोपाल प्रसाद साहू

मोर्चा के संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का वादा किया था। इसी प्रकार कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने एवं आउट सोर्सिंग बंद करने तथा पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री ने 14 फ़रवरी 2019 को अनियमित मंच से घोषणा की थी कि यह वर्ष किसानों का है, आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा। मार्च 2019 में बनी समिति अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी ? जुलाई 2019 से शासन अभी तक अनियमित कर्मचारियों के आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकी ? आउट सोर्सिंग बंद नहीं हुआ, कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कुल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वास्थ्य कर्मचारियों, ग्रामीण विकास विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटरों की छंटनी कर दी गई एवं छंटनी निरंतर जारी है, मार्च 2017 के पश्चात् न्यूनतम वेतन एवं अगस्त 2019 के पश्चात् संविदा वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई।

सरकार नौकरी तिहार मना रही है और विभिन्न विभागों यथा शिक्षा विभाग, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, वन विभाग, , पशुधन विकास विभाग, सहकारिता विभाग में वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को निकाले जाने के भय से जीवन जीने विवश हो रहा है। शिक्षा विभाग अंतर्गत बीजापुर सुकमा में 301 शिक्षा दूत, बीजापुर में 70 शिक्षा मितान, बस्तर में 160 शिक्षण सेवक, कोंडागांव में 508 ट्यूटर शिक्षक, दंतेवाडा, कांकेर, नारायणपुर, मुंगेली में 1185 स्थानीय अतिथि शिक्षक, कबीरधाम में 126 शाला संगवारी, मदरसा अतिथि शिक्षक 1005, एकलव्य विद्यालय में अतिथि शिक्षक 386, इन्हें भर्ती में किसी प्रकार की वेटेज नहीं दी जा रही है, केवल 1659 अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) जो उच्चतर शाला में कार्यरत हैं उन्हें वेटेज दी जा रही है, जबकि अधिकांश अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) के पास टेट प्रमाण-पत्र नहीं होने से ये फार्म भर ही नहीं पाएंगे। इसी प्रकार आई.टी.आई. में कार्यरत 350 प्रशिक्षण अधिकारी एवं 750 मेहमान प्रवक्ता, वन विभाग में सहायक प्रबंधक एवं कार्यालयीन संवर्ग के अनियमित कर्मचारी 576, सहकारिता विभाग के 522 से अधिक अनियमित कर्मचारी प्रभावित होंगे। कांग्रेस सरकार के वादा खिलाफी से अनियमित कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है|

पाँच सूत्रीय मांग –

1- समस्त अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण.

2- निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की बहाली.

3- अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे.

4- आउट सोर्सिंग/ठेका बंद किया जावे.

5- दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जावे.

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