संवरते स्कूल : नए कलेवर में आ रहे नजर, शहरी इलाकों से लेकर दूर दराज के स्कूलों का हो रहा जीर्णोद्धार, लोगों ने कहा बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं, 130 करोड़ से जिले के डेढ़ हजार स्कूलों की एक साथ हो रही मरम्मत

Advertisements
Advertisements

स्कूल भवनों का कायाकल्प युद्धस्तर पर जारी, कलेक्टर श्री सिन्हा लगातार कर रहे समीक्षा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायगढ़

जिले में स्कूलों को संवारने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। भवनों की मरम्मत हो रही है, छतों को सुधारा जा रहा है। सीलिंग और फ्लोर का काम हो रहा है, शौचालयों की रिपेयरिंग चल रही है। दीवारों में नया रंग-रोगन किया जा रहा है। ताकि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को उनका अपना स्कूल एक नए कलेवर में मिले। पूरे जिले में तकरीबन डेढ़ हजार से ज्यादा स्कूलों का एक साथ कायाकल्प किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के साथ डीएमएफ  और सीएसआर से कुल मिलाकर करीब 130 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। यह पूरे प्रदेश में स्कूल भवनों की मरम्मत की जाने वाली सर्वाधिक राशि है।

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा स्कूलों के मरम्मत और निर्माण कार्य को प्राथमिकता में रखते हुए लगातार कार्य के प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा और निर्माण विभाग की बैठकों में इस संबंध विशेष निर्देश दिए हुए हैं कि स्कूल मरम्मत बच्चों से जुड़ा कार्य है इसमें काम के गति और गुणवत्ता दोनों का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी एसडीएम को अपने अनुविभाग के अंतर्गत स्कूलों के निर्माण कार्य की नियमित मॉनिटरिंग के लिए निर्देशित किया हुआ है। कलेक्टर श्री सिन्हा के मार्गदर्शन में पूरे जिले में स्कूलों के कायाकल्प का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जिन स्कूलों में कार्य पूरा हो गया है, वे बिल्कुल नए स्वरूप, नए कलेवर में नजर आ रहे हैं। इनमें शहरी इलाकों से लेकर दूर दराज के स्कूल शामिल हैं।

स्कूलों में हो रहे मरम्मत कार्य को लेकर लोगों ने कहा कि इससे स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को बेहतर सुविधायें मिलेंगी। लैलूंगा से 25 कि.मी.दूर स्थित गांव सिहारधार के सरपंच श्री दुखसिंह भगत ने बताया कि उनके गांव के प्राथमिक शाला भवन में कार्य किया गया है। यहां स्कूल के छत से बारिश में पानी टपकता था, जिसकी अब मरम्मत कर दी गई है। फ्लोर में नई टाइल्स लगाई गई हैं। जो छोटी-मोटी टूट-फुट थी उसे भी ठीक किया गया है। पूरे भवन की रंगाई-पुताई की गई है। स्कूल अब बिल्कुल नए स्वरूप में नजर आने लगा है। सिहारधार की तरह दूर-दराज के कई स्कूलों को संवारने का कार्य लगातार जारी है।

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से हो रहा कायाकल्प

अगले सत्र से पहले स्कूलों की मरम्मत को शासन ने प्राथमिकता में रखा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वयं इस संबंध में ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन’ योजना की घोषणा की है। शासन द्वारा स्कूलों का सर्वे कर मरम्मत योग्य स्कूलों की जानकारी मंगाई थी। शासन द्वारा जारी स्वीकृति आदेश के मुताबिक डीपीआई मद से 1536 स्कूलों के लिए 97 करोड़ 10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके पूर्व के आदेश मुताबिक 10 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि राज्य शासन द्वारा दिया जा रहा है। इस राशि से जिले के 182 स्कूलों में मरम्मत कार्य होंगे तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया जा रहा है। इसी के साथ ही 1962 के पूर्व निर्मित स्कूल भवनों के मरम्मत व रखरखाव के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपए दिए जा रहे हैं।

डीएमएफ.सीएसआर से भी खर्ची जा रही राशि

अगले शिक्षा सत्र से 31 आत्मानंद स्कूल और प्रारंभ हो रहे हैं इसके उन्नयन के लिए कलेक्टर श्री सिन्हा ने सीएसआर मद से 15 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। डीएमएफ  से 25 स्कूलों के लिए कुल 1 करोड़ 95 लाख रुपए दिए गए हैं।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!