आवासीय विद्यालयों में घटिया भोजन देने पर भीषण गर्मी में 12 किलोमीटर पैदल चलकर की शिकायत पर बोले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

आवासीय विद्यालयों में घटिया भोजन देने पर भीषण गर्मी में 12 किलोमीटर पैदल चलकर की शिकायत पर बोले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष

June 20, 2023 Off By Samdarshi News

कांग्रेस के भ्रष्टाचार ने बच्चो के भोजन तक को भी नहीं छोड़ा : धरम लाल कौशिक

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर स्थित ‘प्रयास आवासीय विद्यालय’ में व्याप्त अव्यवस्था, गुणवत्ताहीन भोजन-नाश्ते और वहां रह रहे विद्यार्थियों को धमकाए जाने के सामने आए मामले पर शासन-प्रशासन पर सवाल उठाये हैं। श्री कौशिक ने कहा कि इन अव्यवस्थाओं को दूर करने और वार्डन को वहां से हटाने की मांग को लेकर  छात्र-छात्राओं द्वारा मोर्चा खोले जाने के बावजूद शासन-प्रशासन की उदासीनता समझ से परे है और यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि इस आवासीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं की तो लंबी फेहरिस्त है ही, सर्वाधिक विडंबना तो यह है कि यहां रह रहे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त नाश्ता और भोजन तक नसीब नहीं हो रहा है। बिलासपुर के कोनी स्थित इस आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को आखिरकार मोर्चा खोलने विवश होना पड़ा है। ये विद्यार्थी इस भीषण गर्मी में 12 किलोमीटर पैदल चलकर रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे।

 श्री कौशिक ने कहा कि इन विद्यार्थियों ने कम मात्रा में, गुणवत्ताहीन, कीटयुक्त नाश्ता व भोजन दिए जाने की शिकायत की है। इस हॉस्टल में स्नानागार व शौचालय के दरवाजे तक टूटे हुए हैं। इन तमाम अव्यवस्थाओं का विरोध और शिकायत करने पर विद्यार्थियों को आवासीय विद्यालय से भगा देने की धमकी देने की बात भी छात्र-छात्राओं ने कही है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर प्रदेशभर में अपनी फर्जी उपलब्धियों का शोर मचा रही है, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को भरी धूप में अपनी समस्याओं के निराकरण और ब्वॉयज व गर्ल्स हॉस्टल के दोनों वार्डन की प्रताड़ना से मुक्ति के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचानी पड़ रही है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। कलेक्टर द्वारा विद्यार्थियों से भेंट किए बगैर उन्हें बैरंग लौटाना शासन व प्रशासन की संवेदनहीनता का परिचायक है।