रबी 2020-21 हेतु फसल बीमा की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2021,चना तथा अन्य फसल गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित एवं अलसी फसल का बीमा करा सकते हैं किसान

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,  

राजनांदगांव, खरीफ फसल के कटाई के उपरांत रबी फसलों की बोनी कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2021-22 के तहत फसल को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में वित्तीय सहायता के लिये किसान 15 दिसंबर 2021 तक फसलों का बीमा करा सकते हैं। जिले हेतु मुख्य फसल चना तथा अन्य फसल गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित एवं अलसी फसल का बीमा करा सकते हैं। बीमा की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2021 निर्धारित है। योजनांतर्गत बीमा इकाई ग्राम निर्धारित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी एवं अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते है।

ऋणी कृषक ऐच्छिक आधार पर फसल बीमा करा सकते हैं, जिसके लिये कृषक को निर्धारित प्रपत्र में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2021 के 7 दिवस पूर्व संबंधित बैंक में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। कृषक के द्वारा निर्धारित प्रपत्र में घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिये स्वीकृत तथा नवीनीकृत की गई अल्प कालीन कृषि ऋण का अनिवार्य रूप से बीमा किया जाना है। अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हो वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र क्षेत्रीय पटवारी व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते हंै।

बीमा हेतु प्रीमियम राशि दर –

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों के लिये 1.5 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि निर्धारित है, जिसके अनुसार कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 536 रूपए चना एवं 555 रूपए गेहूं सिंचित हेतु प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा। इसी प्रकार कृषक द्वारा गेहूं असिंचित के लिये फसल हेतु 303 रूपए, अलसी फसल हेतु 206 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।

बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज –

ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा, उन्हें केवल घोषणा एवं बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी कृषकों को बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य (बी-1 पांचसाला), किरायदार, साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं।

बीमा कहां कराएं –

किसानों द्वारा फसल बीमा कराने हेतु अपने संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमि.), लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।

कृषक हेतु महत्वपूर्ण बिंदु –

एक की अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिये अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में कृषक को एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है। इसकी सूचना कृषक को संबंधित बैंक को देनी होगी। ऋणी एवं अऋणी कृषकों के द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में कृषक के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा। कृषक द्वारा अधिसूचित फसल के नाम में बदलाव करने के लिये संबंधित बैंक में लिखित रूप से  बोनी प्रमाण पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि से दो दिवस पूर्व जमा कर फसल परिवर्तन कर सकते हैं ।

आधार कार्ड अनिवार्य –

फसल बीमा कराने के लिये सभी ऋणी एवं अऋणी कृषक को आधार कार्ड की नवीनतम एवं अद्यतन छायाप्रति संबंधित बैंक, संस्थान हो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाना है। आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फसल बीमा नहीं किया जा सकेगा।

दावा गणना-

शासन या अन्य विभाग एवं संस्थाओं द्वारा अनावारी, सूखा, बाढ़, अकाल क्षेत्र घोषित किये गये जाने पर बीमा दावा देय नहीं होगा जबकि बीमा दावा गणना आयुक्त भू-अभिलेख छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में रैण्डम नंबर के आधार पर आयोजित फसल कटाई प्रयोग मुख्य एवं अन्य अधिसूचित फसल के लिए 2 पटवारी एवं 2 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकड़ों से की जाएगी। फसल उत्पादन के आंकलन के लिए अधिसूचित बीमा इकाई ग्राम में फसल कटाई प्रयोग आयोजित करने के उपरांत प्रयोग से प्राप्त वास्तविक उपज, थ्रेस-होल्ड उपज से कम प्राप्त होने पर बीमित किसानों को बीमित राशि के आधार पर दावा भुगतान किया जाएगा। वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक होने पर दावा भुगतान की पात्रता नहीं होगी।

उप संचालक कृषि द्वारा किसानों से आग्रह किया गया कि गत वर्ष एवं इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में कृषक अपने फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कराएं। ऐसे कृषक जो बैंक से डिफाल्टर की श्रेणी में हैं वो भी अऋणी कृषक के रूप में अपने फसलों का बीमा करा सकते हैं। फसलों का बीमा करवाने हेतु समय कम होने के कारण अंतिम तिथि का इंतजार न करते हुए कृषक स्वयं अपने नजदीकी सहकारी समिति, बैंक, लोक सेवा केन्द्र में सम्पर्क कर आवश्यक कार्रवाई करें।

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