रौतिया समाज ने एनएच 43 पर किया चक्काजाम: अनुसूचित जनजाति सूची में सम्मिलित करने की अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है समाज

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

कुनकुरी: नेशनल हाइवे 43 पर ग्राम लोरो में रौतिया समाज द्वारा अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अपनी मांग के समर्थन में चक्काजाम आंदोलन करने के लिये हजारो की संख्या में जुट गया है। लोरो घाटी के नीचे सड़क किनारे मैदान में हजारों की भीड़ इकट्ठा हुई है जो अब सड़क पर उतर चुकी है। एनएच 43 पर यातायाता बाधित होने से दोनो ओर वाहनो की लम्बी कतार लग गई है। प्रशासन भी इस आंदोलन को लेकर सजग है और कानून व्यवस्था बनाने के लिये सभी प्रकार के प्रयास कर रहा है।

रौतिया समाज की मांग अनुसूचित जनजाति सूची में खुद को शामिल कराने की है और यह मांग काफी लंबे समय से की जा रही है। केंद्र सरकार ने रौतिया समाज की इस एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश सरकार से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी लेकिन 2020 से आज तक अतिरिक्त जानकारी दिल्ली नहीं भेजी गई है। हालांकि इसको लेकर प्रदेश सरकार का आदिवासी अनुसंधान संस्थान रायपुर टीआरआई ने 20 जुलाई को अतिरिक्त जानकारी पर समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाई है। इधर पहले से ही रौतिया समाज 30 जून तक जानकारी दिल्ली भेजने के लिये शासन को अल्टीमेटम दे चुका था, इसलिए आज बड़ा प्रदर्शन हो रहा है। इस मंच में आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी की उपस्थिति पर भाजपा और कांग्रेस की नजर टिकी हुई है।

मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालदेव सिंह, प्रांत अध्यक्ष ओमप्रकाश साय, झारखण्ड प्रांत अध्यक्ष रोहित सिंह,पूर्व छग अध्यक्ष भुवनेश्वर सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दामोदर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष मंगलनाथ सिंह, प्रदेश सचिव पालू राम प्रधान, महिला मोर्चा से अनिता सिंह, उमादेवी सिंह, आप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी, सँवरा समाज के राष्ट्रीय सरंक्षक जयदेव भोई आदि उपस्थित है।

कोमल हुपेंडी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें राजनैतिक रूप से छला जा रहा है। रौतिया समाज शांत स्वभाव का समाज है। लेकिन सरकार को आगाह करता हूँ कि हम शांत है तो कमजोर न समझें। पहली जनगणना में रौतिया समाज को ट्राईबल माना है।1950 को हम अधिसूचित होने वाले थे, जिसे हटा दिया गया जो गलत है।

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