कुक्कुट पालन बना रोजगार का माध्यम : अंडों के विक्रय से महिला समूह को मिल रही अच्छी आमदनी, सेवन से हो रहा है सुपोषण.

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महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क में ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, मछली पालन, कुक्कुट-पालन जैसी कई आर्थिक गतिविधियां की जा रही है संचालित

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : ग्रामीण महिलाओं ने आसपास के गांव में अंडे की मांग को देखते हुए, कुक्कुट पालन का काम शुरू किया, जो चल निकला। बस्तर जिले के ग्राम मेंडोली में बनाए गए रीपा में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा अंडों का विक्रय किया जा रहा है। समूह द्वारा अण्डे की सप्लाई जिले के सुपोषण केन्द्रों, छात्रावासों, पोटाकेबिन, आर्मी कैम्प, स्थानीय बजारों में किया जा रहा है। इससे महिला समूहों को अच्छी आमदनी मिल रही है।

ग्राम मेंडोली के गौठानों में बनाए गए महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क में ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, मछली पालन, कुक्कुट पालन जैसी कई आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। महिला समूह द्वारा स्थानीय युवा मितान क्लब की महिलाओं के साथ मिलकर महिलाएं कुक्कुट पालन कर रही है। कृष्णा समूह के द्वारा उन्नत प्रजाति के कुक्कुट पाले जा रहें है। समूह में 5 महिला एवं 5 युवा मितान के सदस्य सम्मिलित है। कुक्कुट की देखभाल की जिम्मेदारी का निर्वाह समूह की महिलाएं बारी-बारी से करती है। समूह द्वारा मार्च-2023 से 25 सौ नग अण्डे का विक्रय किया जा रहा है। समूह की महिलाएं बटन मशरूम, गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के कार्य से जुड़ी हुई है।

बढ़ते हुए बच्चों को कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आहार के माध्यम से इसे पूरा किया जा सकता है। अण्डे में प्रोटीन आयरन, विटामिन-ए, विटामिन-बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में अण्डे का सेवन कर शरीर को पोषित करने में मदद मिलती है। नन्हें-मुन्हें बच्चे अण्डों को बहुत चाव से खाते है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के बच्चों को सुपोषित करने के लिए स्कूलों और आंगनबाड़ी में अण्डा दिया जा रहा है।

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