12 जनजाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में किया गया सम्मिलित : भाजपा के निर्णय से छत्तीसगढ़ के दस लाख आदिवासियों की जिंदगी पूरी तरह बदल जायेगी, भाजपा का निर्णय आदिवासी समाज को एक-दो दिन नहीं बल्कि पीढ़ियों तक देगा लाभ
July 27, 2023आदिवासी हित के इतने बड़े मुद्दे पर काँग्रेस सांसदों का सदन में न रहना प्रमाणित करता है कि कांग्रेस आदिवासी विरोधी है – भाजपा
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जशपुर : 12 जनजाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में सम्मिलित किए जाने पर जिला भाजपा कार्यालय जशपुर में पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय के मुख्य आतिथ्य में अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल समुदाय के लोगों और भाजपा पदाधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित कर एक दूसरे को गुलाल लगाकर व मिठाई खिलाकर खुशी मनाई गई।
पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय ने 12 जनजाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार व लाभ प्रदान करने के लिए कानून बनाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद से महज़ लिपिकीय त्रुटि के कारण पिछले 70 वर्ष से अपने संवैधानिक अधिकारों और आरक्षण के लाभ से वंचित 12 जनजाति समुदायों के लोग अब अपना स्वर्णिम भविष्य गढ़ पाएंगे।
भारत के विशेषकर आदिवासी प्रदेश छत्तीसगढ़ के इतिहास में 25 जुलाई का दिन मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देश के 12 प्रमुख समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर लिया। कल राज्यसभा से भी यह विधेयक पारित होने के बाद अब क़ानून बन गया है।
इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए जिला भाजपा जशपुर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा व केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का बार-बार अभिनंदन करती है।
इन जातियों को मिलेगा लाभ
पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय ने सूची में शामिल जातियों का विवरण दिया। भारिया भूमिया के समानार्थी भूईया, भूईयाँ, भूयां, धनवार के समानार्थी धनुहार धनुवार, नगेसिया, नागासिया के समानार्थी किसान, सावर, सवरा के समानार्थी सौंरा, संवरा, धांगड़ के साथ प्रतिस्थापित करते हुए सुधार, बिंझिया, कोडाकू के साथ साथ कोड़ाकू, कोंध के साथ-साथ कोंद, भरिया, भारिया, पंडो, पण्डो, पन्डो को जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है।
कांग्रेस सांसदों का इस महत्पूर्ण विधेयक की चर्चा में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक
पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है जहाँ आदिवासियों को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में भाग लेने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन सूची से बाहर जनजाति समुदायों के लोग किसी भी तरह चुनाव में भाग नहीं ले पाते थे। अब जा कर सभी अनुसूचित जनजाति समुदायों को उनका अधिकार मिला है। श्री राय ने कहा कि इस विषय का सबसे दुर्भाग्यजनक पहलू यह है कि सदन में जब इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हो रही थी, तब वहां छत्तीसगढ़ कोटा से आने वाले सभी कांग्रेसी सदस्य अनुपस्थित थे। भले वोट की राजनीति की मजबूरी में कांग्रेस सड़क पर कुछ भी कहती रहे, लेकिन जब भी ऐसे कोई विषय परिणाम तक पहुँचने वाले होते हैं, तब कांग्रेस अड़ंगा लगाती ही है। आखिर 50 से अधिक वर्षों तक इसी कांग्रेस ने इन तमाम मामलों को लटकाए भी रखा था।
श्री राय ने कहा कि ऐसे मामले में जान-बूझ कर कांग्रेस के अनुपस्थित होने या वंचित वर्ग के कल्याण से संबंधित का यह कोई पहला मामला भी नहीं है। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का भी विरोध कर राज्यसभा में कांग्रेस ने उसे तब पारित नहीं होने दिया था। इसी तरह आदिवासी और पिछड़े वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण के विरुद्ध प्रदेश की कांग्रेस सरकार कोर्ट में अपने लोगों से मुक़दमा करा कर, अपने महाधिवक्ता को कोर्ट में सुनवाई के दिन अनुपस्थित करा कर जान बूझ कर हार जाना और फिर मुक़दमा करने वालों को पद देकर पुरस्कृत करना आदि निंदनीय हथकंडे हमेशा कांग्रेस अपनाती रही है। कांग्रेस को वंचित तबकों के साथ ऐसे खिलवाड़ से बाज आना चाहिए। श्री राय ने कहा कि इन तमाम हथकंडों से पार पाते हुए आदिवासी समाज ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इन जाति समुदायों के छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने के बाद इन्हें शासन की अनुसूचित जनजातियों के लिये संचालित योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। छात्रवृत्ति, रियायती ऋण, अनुसूचित जनजातियों के बालक-बालिकाओं के छात्रावास की सुविधा के साथ शासकीय सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
कई वर्षों की पीड़ा से आदिवासी समाज को मुक्ति मिली
जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनी भगत व पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश राम भगत ने अपने सम्बोधन में कहा कि आजादी के बाद से जिस पीड़ा को 12 अनुसूचित जनजातियां झेल रही थी, उससे उन्हें अब मुक्ति मिली है। महज मात्रात्मक त्रुटि की वजह से इन 12 जनजातियों की पीढ़ियों को अपने अधिकारों और संविधान प्रदत्त लाभ से वंचित रहना पड़ा। इन समुदायों के लाखों लोग अब शिक्षा, स्वास्थ्य और संविधानिक अधिकार व आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह काम एक दो दिनों के लिए नहीं हुआ है बल्कि इन जनजातियों की पीढ़ियों को इसका स्थायी रूप से लाभ मिलेगा। भाजपा नेताओं ने इसके लिए जशपुर जिला और जिले की इन जनजातिय समुदायों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जनजाति कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा व केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का आभार माना। कार्यक्रम को जिला मंत्री देवधन नायक एवं भुनेश्वर प्रधान ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन शहर मण्डल अध्यक्ष संतोष सिंह ने किया व आभार प्रदर्शन जिला मंत्री राजकपूर भगत ने किया।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया फैज़ान सरवर खान ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व विधायक राजशरण भगत, डीडीसी शांति भगत, गोविंद भगत, राधेश्याम राम, अरविंद भगत, सुनील सोनी, मनीजर राम भगत, सावित्री निकुंज, प्रतिमा भगत, संतन भगत, विनोद निकुंज, हबलु प्रधान, एंजेला खेस सहित भाजपा पदाधिकारी एवं अनुसूचित जनजाति सूची में सम्मिलित समुदाय के लोग उपस्थित थे।