एचएनएलयू में नशीली दवाओं के उपयोग के विरुद्ध जागरूकता अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन
July 28, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) में नशीली दवाओं के उपयोग के खिलाफ लड़ाई में “नशीली दवाओं के उपयोग के विरुद्ध जागरूकता अभियान” के रूप में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 24.07.2023 को आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों तथा शिक्षक संकाय और कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिसने अपने परिसर और उसके बाहर नशीली दवाओं से मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता ज़ाहिर की।
जागरूकता अभियान कार्यक्रम का उद््घाटन माननीय कुलपति, प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन ने किया, उन्होंने नशीली दवाओं के उपयोग के विभिन्न घातक प्रभावों को रेखांकित करते हुए टिप्पणी की, “प्रतिबंधित पदार्थों का उपयोग व्यापक स्तर पर हो रहा है तथा इस तथ्य को अस्वीकार करना व्यक्ति के साथ-साथ पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। यह महत्वपूर्ण है कि यदि कोई व्यक्ति दुर्भाग्य से ऐसी आदतों में पड़ गया है तो उसे सलाहकार से मदद लेनी आवश्यक है।“
उन्होंने रेखांकित किया कि विधि के छात्र जल्द ही विधिक क्षेत्र में अपनी सेवाएं देना प्रारम्भ करेंगे, अतएव उन्हें रोल मॉडल बनने की आवश्यकता है क्योंकि बड़े पैमाने पर जनता अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनसे उम्मीदें लगा रहे हैं। उनका ओजस्वी भाषण जिसमें उन्होंने युवाओं में नशीली दवाओं के उपयोग की खतरनाक लत से बचने के लिए सामूहिक प्रयास की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, जिसका उपस्थित सभी विद्यार्थियों एवं दर्शकों ने समर्थन प्रकट किया।
कुलपति के संबोधन के बाद, मंच एक आकर्षक नुक्कड़ नाटक से जीवंत हो उठा, जिसे विधिक सहायता और सामाजिक सेवा समिति के प्रतिभाशाली छात्र स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किया गया। मनोरंजक प्रदर्शन ने नशीली दवाओं की लत के घातक परिणामों को स्पष्ट रूप से चित्रित किया, जिसका दर्शकों पर स्थायी प्रभाव पड़ा और अभियान का संदेश घर-घर गया।
कल्याणी यूनाइटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर रायपुर के परामर्शदाता श्री अजय कुमार ने नशीली दवाओं के उपयोग की व्यावहारिक वास्तविकताओं पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों की दिलचस्प कहानियाँ साझा कीं और बताया कि कैसे यह न केवल उनके स्वास्थ्य और व्यवहार को बल्कि उनके पारिवारिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। श्री कुमार ने मदद चाहने वालों की सहायता के लिए पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध विभिन्न पुनर्वास और सामुदायिक कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।
सुश्री ललिता मेहर, उप पुलिस अधीक्षक, रायपुर ने नशीली दवाओं के प्रयोग के हानिकारक परिणाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए रायपुर पुलिस द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए एक विचारोत्तेजक भाषण दिया। उन्होंने नशीली दवाओं के उपयोग को रोकने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया और उपस्थित सभी लोगों को इस उद्देश्य में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
अपने संबोधन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सुश्री चंचल तिवारी ने नशे की रोकथाम में समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका के बारे में उत्साहपूर्वक बात की। उनके उत्साहवर्धक शब्दों ने दर्शकों को सभी के लिए एक सुरक्षित और नशा-मुक्त वातावरण बनाने में सक्रिय भागीदारी लिए प्रेरित किया।
ज्ञानवर्धक संबोधनों के बाद, छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसमें नशीली दवाओं के उपयोग से संबंधित चर्चाओं, प्रश्नों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक खुला मंच प्रदान किया। इस इंटरैक्टिव दृष्टिकोण ने सीखने और समझने के माहौल को बढ़ावा दिया, जिसने छात्रों को समाधान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का समापन एचएनएलयू में एसोसिएट प्रोफेसर और विधि सहायता समिति के संयोजक डॉ. कौमुधि छल्ला द्वारा दिए गए हार्दिक धन्यवाद के साथ हुआ। डॉ. छल्ला ने जागरूकता अभियान को शानदार सफलता प्राप्त करने में उनके अटूट समर्थन के लिए सभी प्रतिष्ठित वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। डॉ. एरिट्रीया रॉय, सुश्री अपूर्वा शर्मा, डॉ. परवेश राजपूत, श्री सूर्य नारायण राजू, सुश्री अनीता सिंह, डॉ. अविनाश सामल, छात्र कल्याण डीन और प्रो. योगेन्द्र श्रीवास्तव, डीन पीजी की संकाय टीम ने इस अभियान की योजना बनाई और संचालित किया।
एचएनएलयू विधि सहायता और सामाजिक सेवा समिति ने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए अपने समर्पण को प्रदर्शित करते हुए, पूरे कार्यक्रम की योजना बनाई और संचालित किया। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की व्यापक उपस्थिति सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यक्तियों के पोषण के लिए एचएनएलयू की प्रतिबद्धता का प्रमाण है जो समाज के कल्याण में सक्रिय रूप से योगदान करते हैं।