ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर स्वच्छता महाअभियान में सभी लोगों ने निभाई सहभागिता : दलपत सागर में डूबे नाव को निकालकर जलकुंभी की सफाई में किया गया उपयोग

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कलेक्टर सहित जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों, समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों-सदस्यों और युवोदय के स्वयंसेवक, राज्य आपदा मोचन बल के जवानों के साथ ही आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक स्वच्छता अभियान में लिया हिस्सा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

बस्तर की ऐतिहासिक धरोहर दलपत सागर के संरक्षण की दिशा में चलाये जा रहे स्वच्छता महाअभियान में रविवार को जगदलपुर नगर के सभी लोगों ने सक्रिय भूमिका निभायी। इस दौरान कलेक्टर श्री विजय दयाराम के., जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे, अपर कलेक्टर श्री हरेश मंडावी सहित जनप्रतिनिधियों, नगर पालिक निगम आयुक्त श्री केएस पैकरा और जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों, राज्य आपदा मोचन बल के जवानों, समाजसेवी संगठनों,दलपत सागर बचाओ अभियान व इंद्रावती बचाओ अभियान से जुड़े सदस्य, युवोदय के स्वयंसेवक, लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं, बेरोजगारी भत्ता योजनान्तर्गत लाभान्वित युवाओं के साथ ही बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक साफ-सफाई कार्य में भाग लेकर ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर स्वच्छता अभियान में महत्ती योगदान दिया। इस मौके पर सभी लोगों ने सुबह से ही दलपत सागर के रानी घाट के समीप एकत्रित होकर  सरोवर से जलकुंभियों को निकालने के लिए लगातार हाथ बंटाया। रविवार को सभी ने अधिक समय तक ज्यादा जलकुंभियों को निकालने की बात कहते हुए आगामी रविवार को फिर से ज्यादा लक्ष्य रखने का संकल्प लिया।

डूबे नाव को निकालकर जलकुंभी निकालने में किया उपयोग

दलपत सागर के स्वच्छता अभियान के दौरान बताया गया  कि रानी घाट के पास एक नाव डूबी हुई है तो कलेक्टर श्री विजय ने उक्त नाव को निकालने के लिए राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को कहा। इस पर इन जवानों और तैराकों ने सभी लोगों के साथ रस्सा के जरिये खूब जोर आजमाइश कर उक्त डूबे हुए नाव को निकाला और इस नाव का उपयोग जलकुंभियों की सफाई के लिए किया। इस नाव को अब सुरक्षित रखा गया है और इसका मरम्मत कर जलकुंभियों की सफाई तथा अन्य कार्य के लिए उपयोग किया जायेगा।

दलपत सागर में छोड़ा गया 5 हजार ग्रासकार्प मछली बीज,ग्रासकार्प मछली हाइड्रिला एवं जलीय पौधों को बनाते हैं आहार

कलेक्टर विजय दयाराम के. की पहल पर सभी लोगों के द्वारा मिलकर दलपत सागर में करीब 5 हजार ग्रासकार्प मछली बीज छोड़ा गया। इस दौरान बताया गया है कि हाइड्रिला एवं अन्य जलीय पौधे ग्रासकार्प मछलियों का पसंदीदा आहार है और ग्रासकार्प मछली हर रोज अपने वजन से पांच गुना चारा ग्रहण करती है। दलपत सागर में इसके पहले भी बड़ी संख्या में मछली बीज डाला गया है।

ज्ञातव्य है कि बस्तर की ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर के संरक्षण के लिए पूर्व में जलकुंभी को नष्ट करने हेतु प्रायोगिक तौर पर बैक्टीरियल ई-बॉल डाले गए हैं। बैक्टीरियल ई-बॉल कैल्शियम कार्बोनेट यथा चूना का गोला है, जिसमें मुख्य रूप से 14 प्रकार के बैक्टीरिया सम्मिलित हैं। इसमें मौजूद टी-64 और टी-14 जलकुंभी एवं हाइड्रिला के जड़ को खाता है, वहीं इसमें मौजूद अन्य बैक्टीरिया जल शुद्धिकरण का कार्य करते हैं। दलपत सागर में डाले गए बैक्टीरियल ई-बॉल के कारण जलकुंभियां और हाइड्रिला सूखकर पानी में तैरने लगते हैं, जिन्हें वीड हारवेस्टर के जरिये पानी से निकाला जा रहा है।

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