बी.सी.सखी के रूप में कार्य करके पवनरेखा को मिली अलग पहचान, गांव वाले बुलाते हैं बैंक वाली दीदी कहकर : घर-घर पहुँच कर दिव्यांग, वृद्ध एवं असहाय लोगों को राशि भुगतान कर सेवा भावना का उदाहरण कर रही हैं प्रस्तुत

बीसी सखी के रूप में पवनरेखा ग्रामीण क्षेत्रो मे बैकिंग सुविधाए करा रही है उपलब्ध समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा बदलते परिवेश एवं भाग दौड़ के इस समय में बैंक में…

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