बर्तन किराया से 35 हजार एवं टेंट हाउस में 40 हजार का कर लिया गया हैं आय अर्जन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

दुलदुला : ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करने के उददेश्य  से आजीविका राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम की शुरूआत की गई है। इसके माध्यम से गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाना और उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है।

इसके लिए मंत्रालय को विश्व बैंक से आर्थिक सहायता मिलती है। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ग्रामीण गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए नई-नई योजनाएं शुरू करती रहती है। जिसमें महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना इनमें से एक है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत ग्रामीण परिवार को आय का स्त्रोत मिल पाएगा।

इसी कड़ी में एनआरएलएम के माध्यम से दुलदुला विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दुलदुला में लक्ष्मी स्व-सहायता समूह का गठन किया गया है। जिसमें 10 सदस्य शामिल हैं। समूह के लिए बर्तन किराया एवं टेंट हाउस कार्य सामूहिक आजीविका का स्रोत बन गया है।

जनपद पंचायत दुलदुला से मिली जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी ग्रामीण औधोगिक पार्क रीपा दुलदुला में स्व-सहायता समूह के महिलाओं को बर्तन सेट एवं टेंट हाउस का काम मिला हुआ है। जिसमें महिलाएं अभी शुरूआती दौर में बर्तन किराया 35 हजार रूपए एवं टेंट हाउस में 40 हजार रूपए का आय अर्जन कर लिया गया हैं। स्व-सहायता समूह के द्वारा इस योजना को बहुत बढ़िया बताया है।

समूह को योजना से रोजगार का साधन उपलब्ध हो रहा है जिससे आय अर्जन कर अपने आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे है। समूह की महिलाओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाया गया यह योजना बहुत ही बढ़िया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेष बघेल का अभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया है।

You missed

error: Content is protected !!