परिजनों ने बिजली विभाग और सिविल अस्पताल के ऊपर गम्भीर लापरवाही का लगाया आरोप.
अस्पताल के सामने नेशनल हाईवे की सड़क पर शव रखकर किया गया चक्का जाम, प्रशासन के तहसीलदार व पत्थलगांव एसडीओपी ने मौके पर पहुंच कर दी समझाईश व खुलवाया चक्का जाम.
पत्थलगांव/कुनकुरी : सोमवार को सिविल अस्पताल में बिजली की आंख-मिचौली और अस्पताल में इमरजेंसी बिजली की अनुपलब्धता से 40 वर्षीय युवा की डायलिसिस नहीं होने के कारण असमय मृत्यु हो गई और परिजनों ने बिजली विभाग और सिविल अस्पताल के ऊपर गम्भीर लापरवाही का आरोप लगाया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पत्थलगांव विधायक गोमती साय सिविल अस्पताल पहुंची और अस्पताल प्रबंधन के ऊपर नाराज होते हुए बीएमओ को कहा – पहले से ही जनरेटर क्यों ठीक नहीं किया गया ? इस तरह की ब्यवस्था से काम नहीं चलेगा, अस्पताल में लोगों को पूरी सेवा, समय रहते क्यों नहीं मिल रही है ? आखिर शासन इतना ख़र्चा कर रहा है, आम लोगों को बेहतर सुविधा क्यों नहीं दी जा रही, इस तरह की लापरवाही नहीं चलने वाली।
डायलिसिस में बिजली की इमरजेंसी उपलब्धता नहीं होने से ऋषिकेश की मौत पर कलेक्टर रवि मित्तल से तत्काल फोन कर अस्पताल की ब्यवस्था को तुरंत ठीक करने कहा, उन्होंने कहा कि अस्पताल की हालत देख कर मुझे अस्पताल में घुसने का मन नहीं करता है। अस्पताल में लोगों को सभी सुविधा समय से क्यों नहीं मिल रही है ? साथ ही कलेक्टर से डायलिसिस में हुई ऋषिकेश बारीक की मौत पे विभागीय जांच कर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने हेतु कहा। उन्होंने कलेक्टर से सिविल अस्पताल जाकर ब्यवस्था बेहतर बनाने को कहा। अस्पताल में मौजूद परिजनों से ऋषिकेश की मौत पर अफसोस जताया, कहा हम इस प्रकरण की पूरी जांच करवाएंगे और दोषियों पर कार्यवाही भी करेंगे।
सोमवार की सुबह बिजली की हर दस मिनट में गोल होने के कारण और अस्पताल में बिजली की अतिरिक्त उपलब्धता नहीं होने के कारण 40 वर्षीय युवा ऋषिकेश बारीक की हो गई असमय मौत, डॉक्टर शेखर ने बताया कि मुझे पेशेंट को देखने बुलाया गया था, पर मेरे आने से पहले धड़कन और सांस रुक चुकी थी। जिसके बाद सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई, पर उन्हें नहीं बचाया जा सका।
डायलिसिस टेक्नीशियन मनोज कुमार ने बताया कि सुबह पेशेंट को 9:00 बजे अस्पताल डायलिसिस के लिए लाया गया था, पर बिजली के लगातार गोल होने के कारण डायलिसिस नहीं कर पाए हर 10 से 15 मिनट में बिजली गोल हो रही थी, जिसके कारण डायलिसिस नहीं हो सका।
डायलिसिस में कार्य करने वाले कर्मचारी के द्वारा बताया गया कि जनरेटर पहले से ही खराब था, जिसकी बात ऋषिकेश के घर वालों को बता दिया गया था, डॉ. मिंज ने बताया कि अस्पताल का जनरेटर चालू करने की कोशिश की गई पर चालू नहीं हो पाया।
महाकुल समाज के पदाधिकारि रवि यादव ने बताया कि सिविल अस्पताल पत्थलगांव में डायलिसिस समय पर नहीं होने से एक 40 वर्षीय युवा कोली असमय मौत हो गई, जिसमें पत्थलगांव के बिजली विभाग के 22 अप्रैल को सुबह से लगातार बिजली के गोल होते रहने एवं पत्थलगांव सिविल अस्पताल में बिजली की कोई इमरजेंसी उपलब्धता नहीं है, जो गम्भीर लापरवाही का मामला है।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव ने बताया कि बिजली विभाग के द्वारा लगातार बिजली गोल होने एवं सिविल अस्पताल में लाइट की कोई अतिरिक्त ब्यवस्था नहीं होने से एक युवा की मौत हो गई, जबकि जशपूर जिले से मुख्यमंत्री है और फिर भी सरकारी विभागों के द्वारा इस तरह की लापरवाही होना समझ से परे है। बिजली विभाग और सिविल अस्पताल में जिम्मेदारी नाम की कोई बात नहीं दिख रहा है।
एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी से बिजली के लगातार गोल होने एवं अस्पताल में इमरजेंसी में जनरेटर की ब्यवस्था नहीं होने के कारण एक 40 वर्ष के युवा ऋषिकेश बारीक करंगाबहला की मौत हो गई, जो गम्भीर लापरवाही है। इस पर एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में इमरजेंसी बिजली की ब्यवस्था होनी ही चाहिये। बिजली विभाग के द्वारा लगातार बिजली गोल होने एवं अस्पताल में जनरेटर खराब होने की जांच की जाएगी, जिसकी भी लापरवाही सामने आती है, इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।
मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही व लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर एफआईआर की मांग को लेकर एनएच 43 पर चक्का जाम कर दिया मौके पर प्रशासन के तहसीलदार व पत्थलगांव एसडीओपी ने पहुंच कर समझाईश दी व चक्का जाम खुलवाया।