मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधिसम्मत प्रयासों से 12 जाति समूह अनुसूचित जनजाति में शामिल हुये – सुशील आनंद शुक्ला

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधिसम्मत प्रयासों से 12 जाति समूह अनुसूचित जनजाति में शामिल हुये – सुशील आनंद शुक्ला

August 1, 2023 Off By Samdarshi News

कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुये भी आंदोलन किया था

जब केन्द्र और राज्य में दोनो जगह भाजपा की सरकार थी तब रमन सिंह नहीं चाहते थे इनको शामिल किया जाये

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार के प्रयासो और विधिसम्मत की गयी अनुशंसा से ही 12 जाति समूहों के लोगो को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को इस आशय का पत्र भी 11 फरवरी 2021 को लिखा था। कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुये भी इन जाति समूहों को अनु.जनजाति में शामिल करने के लिये आंदोलन किया था। स्वंय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश अध्यक्ष रहते हुये सौरा समाज सहित अन्य समाजो के आंदोलनों में लगातार शामिल कर इनकी मांगो के लिये आवाज उठाते रहे है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह और भाजपा के नेतागण श्रेय लेने के लिये बयान दे रहे कि यह उनके प्रयासो से हुआ है। 15 साल की सरकार के दौरान उन्होंने इस दिशा में क्या सार्थक पहल किया था? उनकी सरकार के आखिरी चार साल में केन्द्र और राज्य दोनो जगह भाजपा की सरकार थी रमन सिंह भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में प्रभावशाली भी थे। इन चार सालों में इन 12 उपजातियों की मांगो के अनुसार केन्द्र से निर्णय क्यों नहीं करवाया? भाजपा और रमन सिंह नहीं चाहते थे कि यह जाति समूह को उनके संवैधानिक अधिकारो का हक मिले।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी कभी तत्कालीन सरकार ने इस दिशा में ठोस पहल नहीं किया था। पूर्व की रमन भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी चरित्र और नीति के चलते 12 समुदायो के भारिया, भूमिया, पांडो, धनवार, गदबा, गोड, कोंध, कोडाकू, नगेरिया, गोड़ के 5 उपजाति धूरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोड़ को उनका अधिकार नही मिला। जिसके कारण प्रदेश की यह जनजातिया तकनीकी आधार पर अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले लाभ और सुविधाओं से वंचित थी यदि रमन सरकार जनभावनाओं के अनुरूप पहल ही केन्द्र सरकार को अपनी अनुशंसा भेजी होती जो इन जनजाति समूहो के लोगो को परेशान नहीं होना पड़ता।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह सहित छत्तीसगढ़ भाजपा के तत्कालीन सत्तारूढ़ जिम्मेदार नेताओं को इन जाति समूह के लोगो से अपनी अकर्मण्यता के लिये माफी मांगनी चाहिये जिनके लापरवाही और उदासिनता के कारण इन जाति समूह के लोगो को उनका संवैधानिक अधिकार मिलने में 18 साल लग गये।