पदस्थापनाओं में हुई गंभीर अनियमितता के मामले में मुख्यमंत्री बघेल जिम्मेदारी अपने ऊपर लें : भाजपा

पदस्थापनाओं में हुई गंभीर अनियमितता के मामले में मुख्यमंत्री बघेल जिम्मेदारी अपने ऊपर लें : भाजपा

August 4, 2023 Off By Samdarshi News

प्रदेश महामंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री कश्यप ने कहा : जब पदस्थापनाओं में इतना बड़ा घोटाला सामने आया है तो इस कांग्रेस सरकार के शासनकाल में भर्तियों में कितना घोटाला किया होगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने शिक्षा विभाग में पदस्थापनाओं में हुई गंभीर अनियमितता के मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और मांग की है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी अपने ऊपर लें, क्योंकि इतना बड़ा भ्रष्टाचार बिना उच्चस्तरीय राजनीतिक संक्षण के मुमकिन नहीं है। श्री कश्यप ने कहा कि जब पदस्थापनाओं में इतना बड़ा घोटाला सामने आया है तो इस कांग्रेस सरकार के शासनकाल में भर्तियों में कितना घोटाला किया होगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पदस्थापनाओं के इस पूरे घोटाले में एक पूरा रैकेट सक्रिय रहा है और इस रैकेट के तार मुख्यमंत्री व मंत्री के दफ्तरों से लेकर तत्कालीन शिक्षा सचिव के दफ्तर तक जुड़े थे। एक मातहत अधिकारी बिना उच्चस्तरीय राजनीतिक संरक्षण व दबाव के इतने बड़े घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। श्री कश्यप ने कहा कि नई भर्तियों में युवाओं के साथ किस प्रकार छलावा हुआ है, उनसे किस प्रकार उगाही की गई है, यह पदस्थापना घोटाले के इस ताजे खुलासे से समझा जा सकता है। प्रदेश सरकार पदस्थापना घोटाले में संलिप्त अधिकारियों के केवल निलंबन की घोषणा करके और दिखावे की कार्रवाई करके अपने दायित्व की इतिश्री न करे।

भाजपा प्रदेश महामंत्री व पूर्व शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि इस मामले में लीपापोती करके इस गंभीर भ्रष्टाचार से प्रदेश की जनता और युवाओं का ध्यान भटकाने की सरकार की कोशिशों को भाजपा कामयाब नहीं होने देगी। लगातार जुमलेबाजी करने में मशगूल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने ऐसा एक भी क्षेत्र नहीं छोड़ा है, जहाँ उसने भ्रष्टाचार नहीं किया है। अपने पूरे शासनकाल में कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने घपलों-घोटालों की ऐसी-ऐसी मिसालें पेश की हैं कि 2004 से 2014 के यूपीए की केंद्र सरकार में हुए भ्रष्टाचार की यादें ताजा हो रही हैं। यह कांग्रेस और भ्रष्टाचार के परस्पर पर्याय होने का प्रमाण है।

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