वादा खिलाफी से आक्रोशित अनियमित कर्मचारियों ने दी गिरफ्तारी, शाम को कर दिया गया निःशर्त रिहा, जिला प्रशासन को सौंपा गया मांगों का ज्ञापन !

वादा खिलाफी से आक्रोशित अनियमित कर्मचारियों ने दी गिरफ्तारी, शाम को कर दिया गया निःशर्त रिहा, जिला प्रशासन को सौंपा गया मांगों का ज्ञापन !

August 6, 2023 Off By Samdarshi News

आन्दोलन में प्रदेश के 50 से अधिक अनियमित संगठनों के हजारों अनियमित कर्मचारी हुए सम्मिलित.

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउट सोर्सिंग बंद करने तथा छंटनी किये गए कर्मचारियों को रोजगार देने में टाल-मटोल कर रही है। प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों [मानदेय, आउट सोर्सिंग, ठेका, सेवा प्रदाता, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, अशंकालिक, जॉब दर, संविदा, सेवा से पृथक कर्मचारी] ने अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा, छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन” एवं नगर निगम अनियमित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में 6 अगस्त 23 को धरना-प्रदर्शन किया एवं गिरफ्तारी दी।

जिला प्रशासन ने धरना स्थल को ही जेल घोषित कर समस्त कर्मचारियों को गिरफ्तार किया तथा शाम को निःशर्त रिहा कर दिया। ततपश्चात जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। इस आन्दोलन में प्रदेश के 50 से अधिक अनियमित संगठनों के 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी सम्मिलित हुए।

श्री राजेश गुप्ता प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन ने बताया कि कांग्रेस ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छंटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है। अनियमित मंच से 14 फरवरी 2019 को माननीय मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिया था कि इस वर्ष किसानों लिए है, आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा। अनियमित संघों के आवेदनों का परिक्षण करने कमेटी बनाई गई, जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। आज तक लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही है।

श्री प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने कहा कि सरकार ने केवल संविदा वेतन में 27 प्रतिशत एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 4 हजार सम्मान निधि देने की घोषणा की है, परन्तु इस घोषणा से अनियमित कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। श्री सचिन शर्मा ने बताया कि सरकार गैर वित्तीय वाले मांग को भी पूरा नहीं कर पा रही है, इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि वह अनियमित कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नहीं है। इन कारणों से प्रदेश के अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित है।

चार सूत्रीय मांग –

1. समस्त अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मचारी/अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण से वंचित को स्थायीकर्मी बनाकर स्थायीकरण किया जावे।

2. विगत वर्षों से निकाले गए/छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे।

3. अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे।

4. शासकीय सेवाओं में आउट सोर्सिंग, ठेका एवं सेवा प्रदाता सिस्टम को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे तथा नियत अवधि में नियमित किया जावे।