चक्रधरनगर पुलिस ने लापता बालिका को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर से सुरक्षित लाकर सौंपा परिजनों को ……!

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विवेचना में किसी प्रकार का अपराध नहीं पाये जाने से चक्रधरनगर पुलिस द्वारा दस्तयाब बालिका को उसकी मां के सुपुर्द किया गया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायगढ़

रायगढ़ : 31जुलाई के सुबह स्कूल के नाम पर घर से निकली किशोर बालिका के अचानक लापता होने की खबर ने बालिका के माता-पिता के साथ चक्रधरनगर पुलिस को सकते में डाल दिया था। अचानक लापता हुई किशोर बालिका के परिजन 01 अगस्त को थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव आहेर से मिले और उनको बताये कि बालिका 31 जुलाई के सुबह घर से स्कूल के लिए निकली है और वापस घर नहीं आयी। थाना प्रभारी द्वारा अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 363 आईपीसी का अपराध दर्ज कर मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार को मामले से अवगत कराया तथा उनके मार्गदर्शन पर एक ओर बालिका के जान परिचित, सहेलियों एवं मित्रों से जानकारी लिया गया, वहीं साइबर सेल से भी मदद ली गई।

जांच के दौरान बालिका के पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर में होने की जानकारी पर थाना प्रभारी द्वारा थाने के उपनिरीक्षक जीपी बंजारे के नेतृत्व में टीम तैयार कर रातों रात बालिका के परिजनों को साथ लेकर सड़क मार्ग से पश्चिम बंगाल रवाना हुये। जहां खोजबीन के दौरान बालिका मोयना थाना क्षेत्र में मिली, गुम बालिका को रात में सुरक्षित बालिका सदन में रखवाये और दूसरे दिन वापस रायगढ़ लाया गया। बालिका से महिला पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ पश्चात आज बालिका की चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के बाद न्यायालयीन कथन कराया गया, जिसमें बालिका पढ़ाई के स्ट्रेस व पढ़ाई को लेकर माता-पिता की डांट फटकार से अपनी मौसी के यहां पश्चिम बंगाल जाना बताई। अपराध विवेचना में किसी प्रकार का अपराध नहीं पाये जाने से चक्रधरनगर पुलिस द्वारा दस्तयाब बालिका को उसके मां के सुपुर्द किया गया है, साथ ही बालिका को समझाईश दी गई है कि आगे कभी इस प्रकार बिना बताए घर से कहीं ना जाये। बालिका की पतासाजी कार्यवाही में थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव आहेर, उपनिरीक्षक जीपी बंजारे, आरक्षक शांति मिरी और महिला आरक्षक एलिसा टोप्पो की सराहनीय भूमिका रही है 

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