आदिवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का काम हमारी सरकार ने किया है – यू. डी. मिंज

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विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दुलदुला और कुनकुरी में हजारों की संख्या में एक जुट हुए सर्व आदिवासी समाज

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज कुनकुरी एवं दुलदुला में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें विधायक एवं संसदीय सचिव यू. डी. मिंज शामिल हुए।

इस कार्यक्रम में भारी संख्या में आदिवासी वर्ग के लोग शामिल हुए और आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया.इस अवसर पर आदिवासी समाज के सभी गौरव को पुष्प माला पहनाकर कर याद किया गया तथा विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में सर्वप्रथम पर मणिपुर में हुई घटना में विधायक यू. डी. मिंज ने 1 मिनट का मौन रखा घटना को लेकर बच्चों नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को दिखाई।

इस अवसर पर संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने कहा कि भीम राव अम्बेडकर के वजह से आज हम यहां हैं संविधान की हमें पूजा करनी चाहिए.जल जंगल जमीन हमारा है इसे हमें संरक्षित रखना है.हम आदिवासी वनों पर निर्भर हैं वनों को न काटने की अपील भी की उन्होंने जनजातीय समुदाय के देवी-देवताओं को प्रणाम करते हुए सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन आदिवासियों के लिए समर्पित है। पूरे विश्व में आदिवासी भाई बहन बहुत उल्लास के साथ अपना दिवस मना रहे हैं। यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि हमारी सरकार ने सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शासकीय अवकाश देने की शुरुआत की है। इसके साथ ही आज 5633 ग्राम पंचायतों को आदिवासी परब सम्मान निधि की दूसरी किश्त के रूप में 281.65 लाख रुपये की राशि माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी  की गई है। यह पहली बार हुआ है कि आदिवासियों के जो त्यौहार परब है उसके लिए सम्मान निधि 10 हजार रुपये सालाना देने का निर्णय लिया गया है, ताकि हमारे आदिवासी भाई बहन उल्लास के साथ अपने त्यौहार मना सकें।

संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने कहा कि आदिवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का काम हमारी सरकार ने काम किया है। हजारों साल से जंगल से आदिवासियों का नाता रहा है। जो जंगल आज बचा है, वह आदिवासी भाइयों के कारण बचा है, वही उनके साथ जीवन-यापन करते हैं, उसे सुरक्षित रखते हैं। यही कारण हैं कि हम लोगों ने पूरे देश में सर्वाधिक वन अधिकार पट्टा देने का काम किया है। हमने लोगों को सामुदायिक दावा अधिमान्यता पत्र और वन संसाधन अधिकार भी दिए है।

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