जशपुर : मुख्य सचिव ने विडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से ली समीक्षा बैठक, नेशनल एवं स्टेट हाईवे में पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने हेतु दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज विडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से सड़को पर पशुओं के कारण हो रहे दुर्घटनाओं को राकेन के संबंध में कार्यवाही हेतु समीक्षा बैठक ली गई। कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल एवं पशु विभाग के उप संचालक श्री ए.के.मरकाम एन.आई.सी कक्ष से ऑनलाईन के माध्यम से सीधे जुड़े थे।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सरगुजा एवं बिलासपुर संभाग के समस्त अधिकारियों को नेशल हाईवे एवं स्टेट हाईवे में पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने पशुओं को दुर्घटना से बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के संबंध में अवगत कराते हुए बताया कि जिले में पशुओं से होने वाले दुर्घटनाजन्य सड़क एनएच-43 और एसएच-44 का चिन्हांकन किया गया है। इनमें कुल 07 सड़के शामिल हैं। इसके अंतर्गत् जशपुर-घोलेंग-लोदाम, जशपुर पतराटोली-दुलदुला, जशपुर-कुनकुरी-रायकेरा, जशपुर-कांसाबेल, जशपुर-पत्थलगांव, जशपुर-बगीचा और जशपुर-फरसाबहार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि चिन्हांकित सड़कों से लगे हुए ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों का भी चिन्हांकन किया गया है। चिन्हांकित क्षेत्रों में कांजी हाउस व गौठान में पशुओं को रखने के लिए मैपिंग की गई है।

कलेक्टर डॉ. मित्तल ने बताया कि जिले के 04 नगरीय निकाय के पशुओं को सड़क से हटाने का जिम्मेदारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दी गई है। पशुधन विकास विभाग द्वारा अब तक 287 पशुओं को ईयर टेगिंग एवं 362 पशुओं को रात्रि में वाहन दुर्घटना से बचाने हेतु रेडियम बेल्ट पहनाया गया है। नगरीय निकाय के टीम द्वारा निरंतर नगरीय क्षेत्र के पशुओं को सड़क से हटाकर कांजी हाउस में व्यवस्थापन किया जा रहा है, जिसके तहत् पशु पालकों से जुर्माना के बतौर अब तक  23 हजार 975 रूपए की राशि का भी वसूली की गई है। साथ ही पशुधन विकास के विभागीय अमला, पशुधन मित्र एवं पशु सखियों द्वारा ग्रामों में पशुधन को रोग प्रतिधात्मक टीकाकरण के साथ ही साथ पशुधन को खुले में नहीं छोड़ने के लिए पशु पालकों को समझाईश दी जा रही है। साथ ही इस कार्य के लिए समाज सेवा संस्था से भी सहयोग लिया जा रहा है। नगरीय निकाय के मुख्य चौक-चौराहों एवं सड़क मार्गो में एकत्रित मवेशियों हटा करके कांजी हाउस में व्यवस्थापन के लिए चिन्हांकित स्थानों में बैनर, पोस्टर के माध्यम सूचना देने के लिए संपर्क नम्बर प्रर्दशित किया गया है।

कलेक्टर ने बताया कि जिले में विलंब से वर्षा होने के कारण कृषि कार्य पिछड़ गया है जिसके कारण मवेशी खुले में विचरण कर रहे थे। फसल बुआई का कार्य पूर्ण होने पर कृषिकों एवं पशुपालकों द्वारा मवेशियों की चराई प्रथा प्रारंभ कर दी गई है। जिससे सड़कों पर मवेशियों के विचरण में कमी आई है।

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