जशपुर जिले में शिशु संरक्षण माह का आयोजन 29 अगस्त से 29 सितम्बर तक, मंगलवार एवं शुक्रवार को वी.एच.एन.डी. सत्र होगा आयोजित

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जिले में शिशु संरक्षण माह विटामिन ए अनुपूरक कार्यक्रम  29 अगस्त से 29 सितम्बर 2023 तक आयोजित किया जा रहा है जिसमें प्रति मंगलवार एवं शुक्रवार को वी.एच.एन.डी. सत्र आयोजित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन ए की खुराक एवं आई.एफ.ए. सिरप पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा। शिशु संरक्षण माह कोई अलग कार्यक्रम नहीं है, बल्कि क्षेत्र के संदर्भ में यह बच्चोें में उत्तरजीविता बढ़ाने के लिए आवश्यक अनुकूलतन पैकेज के साथ एकीकृत किया गया कार्यक्रम है।

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिशु संरक्षण माह के दौरान विभिन्न सेवाओं के पैकेज दिये जायेंगे। इनमें विटामिन ए सिरप निर्धारित आयु 9 माह से से 5 वर्ष के बच्चों को निर्धारित अंतराल में  पिलाना, आई.एफ.ए. सिरप दिया जाना, बच्चों का वजन लिया जाना, पोषण आहार के विषय में बच्चों की आयु के अनुरूप आहार की जानकारी देना,  आंगनबाड़ी स्थित सत्रों में संपूरक पोषण आहार की सेवाओं को हितग्राहियों की पात्रता व  पोषण तत्वों की आवश्यकता के अनुरूप उपलब्ध कराना, अति गंभीर कुपोषित बच्चे जो एसएएम की श्रेणी में हैं, उन्हें चिन्हित कर पोषण पुर्नवास केंद्रों में आहार की प्रदायगी सहित संक्रमण के उपचार हेतु भर्ती किया जाना शामिल है।

शिशु संरक्षण माह में आयोजित सत्र में 29 अगस्त और 1, 5, 8, 12, 15, 19, 22, 26, 29 सितम्बर को सत्रों का आयोजन होगा। जहां लक्षित 83680 बच्चों को विटामिन ए एवं आयरन सिरप पिलाया जायेगा। एवं बच्चों का वजन भी लिया जायेगा। आयु एवं लंबाई के आधार पर कम वजन के बच्चों को कुपोषित बच्चों की श्रेणी में माना जाएगा और उन्हें जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में 14 दिनों के लिए भर्ती करके उनके वजन में वृध्दि की जायेगी । पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चे को भर्ती करने पर मां को कार्य क्षतिपूर्ति की राशि भी दी जायेगी।

जिले में 2424 सत्र आयोजित किये जायेंगे। इनमें पत्थलगांव में 497, फरसाबहार में 280, कांसाबेल में 240, बगीचा में 501, कुनकुरी में 320, दुलदुला में 117, लोदाम में 269, मनोरा में 200 सत्र आयोजित किया जायेगा जिसमें बच्चों को विटामिन ए एवं आयरन सिरप पिलाया जायेगा।

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल द्वारा अभियान की सफल संचालन के लिए आयोजित समय सीमा बैठक में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं तथा स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व अन्य विभाग को समन्वय कर अभियान को सफल बनाने की अपील की गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रंजीत टोप्पो द्वारा बताया कि विटामिन ए अनुपूरक एवं एनीमिया नियंत्रण से 20-20 प्रतिशत बाल मृत्यु में कमी आयेगी तथा 5 वर्ष के बच्चों में कुपोषण नियंत्रण से 45 प्रतिशत एवं शीघ्र एवं पूर्ण स्तनपान एवं समय पर उपरी आहार जारी रखने से 19 प्रतिशत बाल मृत्यु में कमी आयेगी। 

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