संत जोसेफ अंग्रेजी माध्यम स्कूल कांसाबेल में राखी प्रतियोगिता सम्पन्न

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प्रतियोगिता हेतु विद्यार्थियों को चार समुहों में बांटा गया

रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बनाने, हस्तलेख एवं डिस्पोजल से प्लेट सजानें की हुई प्रतियोगिता

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कांसाबेल : संत जोसेफ अंग्रेजी माध्यम स्कूल कांसाबेल में रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बनाने, हस्तलेख एवं डिस्पोजल से प्लेट सिंगारने की प्रतियोगिता आयोजन किया गया। विद्यालय में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को इन प्रतियोगिताओं हेतु चार समुहों में बांटा गया। कक्षा 1 ली से 3 री के बच्चों ने हस्तलेख, कक्षा 4 थी से 8 वीं के विद्यार्थियों ने राखी बनाने एवं कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों ने डिस्पोजल से प्लेट सिंगारने की प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

राखी बनाने की प्रतियोगिता ने रक्षा बंधन पर्व के पूर्व भाई बहन के प्यार को याद कर उसे अनुभव कराया । सभी वर्गों के प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। सभी विद्यार्थियों के लिये यह स्वयं के हुनर का प्रदर्शन करने व अपने प्रतिभा को निखारने का सुंदर अवसर था। कक्षा 1 ली से 3 री के बच्चों के लिये आयोजित प्रतियोगिता में जोन्सी तिग्गा को प्रथम, रितु रानी उरॉव को द्वितीय एवं प्रेरणा पैंकरा, अनुजा एक्का, सेरिन लकड़ा, सायना एक्का एवं रोश्मी कुजूर को संयुक्त रुप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

राखी बनाने हेतु प्रतियोगिता के लिये 4 थीं एवं 5 वीं वर्ग में महिमा बाई ने पहला, शानू भगत ने दूसरा एवं केल्विन एक्का ने तीसरा पुरस्कार पर कब्जा किया। जबकि 6 वीं से 8 वीं वर्ग में अरमान तिग्गा को पहला, प्रियांशु तिर्की को दूसरा एवं राजकुमारी पैंकरा और आर्यन खलखो को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल के बच्चों के लिये आयोजित डिस्पोजल से प्लेट सिंगारने की प्रतियोगिता में प्राची दत्त, पुष्पांजली पैंकरा, खुशबू पैंकरा और पितांबर को क्रमश: पहला, दूसरा एवं तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

विद्यालय के प्राचार्य फादर एडमोन बड़ा ने बच्चों को आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये उन्हें बधाई कहा और सभी बच्चों को अपने कला को निखारने एवं ऐसे अवसरो का लाभ लेने के लिये शुभकामनाएँ दीं। प्रतियोगिता का सफल आयोजन करने में जोसेफ मिंज, अनुराग खाखा, सुश्री दीपिका मिंज, सुश्री अनिता कुजूर, सुश्री विनिता केरकेट्टा, विनय कुमार रात्रे, सिस्टर सत्या एवं सुश्री आशिका कुजूर का सराहनीय योगदान रहा ।

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