दलीय चाटूकारिता में भाजपाई यह भी भूल गए कि कोल खनन विशुद्ध रूप से केंद्र सूची का विषय है – प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा

Advertisements
Advertisements

भूपेश सरकार ने हसदेव अरण्य के 5 कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर भेजा है, उस पर मोदी सरकार 1 साल से अधिक समय से क्यों मौन है ?

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन राज के 15 साल छत्तीसगढ़ को कारपोरेट लूट का चारागाह बना दिया गया था और अब तो देश ही नहीं दुनिया में यह प्रमाणित है कि मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी केवल चंद पूंजीपति मित्रों के हितों के लिए ही काम कर रही हैं। दुनिया भर में घूम-घूम कर अडानी के लिए लाइजनिंग का काम कौन कर रहा है, यह भी सब विदित है। ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान, श्रीलंका में पोर्ट का ठेका और हाल ही में स्पेन में बंदरगाह दिलाने कौन गया था ?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि देश के इतिहास में पहली बार कामर्शियल माइनिंग मोदी सरकार में शुरू हुआ, कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों, नवरत्न कंपनियों के खदान अडानी को किसने हस्तांतरित किया ? एसईसीएल जो कोयला उत्खनन की सबसे पुरानी और अनुभवी सरकारी कंपनी है वह किसके दबाव में अब अदानी से खनन करवा रही है ? तमिलनाडु में अडानी द्वारा कोयले के आयात की जांच में कैग ने पाया कि 176 आयात में उसे देश का जिक्र और सर्टिफिकेट ही नहीं जहां से कोयला आयात करना बताया गया, स्थानीय खदानों के कोयले को विदेशी बताकर अधिक पैसा लूटने के अदानी की कोयला लूट को किसका संरक्षण है ? अडानी के द्वारा आयातित कोयले को सरकारी और निजी पावर प्लांट में खपाने की बाध्यता मोदी सरकार की मजबूरी है या कमीशनखोरी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और जयराम रमेश केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री थे तब देश के दर्जनों क्षेत्र जो अति महत्वपूर्ण जैव विविधता संपन्न माने गए, उन्हें संरक्षित रखने नो गो एरिया घोषित किया गया था, उसमें छत्तीसगढ़ के “हसदेव अरण्य” और “तमोर पिंगला” का क्षेत्र भी था। जहां से 10 किलोमीटर तक खनन गतिविधियां प्रतिबंधित की गई थी, उस नो गो एरिया को संकुचित करके हसदेव अरण्य और तमोर पिंगला में खदाने मोदी सरकार ने शुरू की। कोल ब्लॉक केंद्र सरकार आवंटित करता है और केंद्र ही यह तय करता है कि ब्लॉक किसे आबंटित किया जाना है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने तो विगत वर्ष 27 जुलाई 2022 को छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य क्षेत्र के पांच कोल ब्लॉकों को निरस्त करने विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके केंद्र को भेजा है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने आज तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की। छत्तीसगढ़ की जनता ने लोकसभा में भाजपा के 9 सांसद चुने हैं, लेकिन मोदी शाह के अधिनायक वाद के सामने भाजपा सांसदों में सवाल पूछने का भी साहस नहीं है। सब कुछ जान समझ कर भी छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेता केंद्र सूची के विषय और मोदी सरकार के अडानी प्रेम पर परदेदारी करने राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!