राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित, जनजागरूकता के माध्यम से लोगों को तंबाकू का सेवन छुड़वाने की हुई अपील

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राज्य को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

राज्य स्तरीय राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ट में पदस्थ प्रभारी, जिला नोडल अधिकारी, जिला सलाहकार, परामर्शदाता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए “एक दिवसीय प्रशिक्षण सह-उन्मुखीकरण कार्यशाला” का आयोजन न्यु सर्किट हाउस में आयोजित की गई। ब्लूमबर्ग परियोजना के तहत आयोजित कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को राज्य में तम्बाकू उत्पदों की व्यपकता व दुष्प्रभावों के विषय पर जानकारी दी गई। साथ ही साथ उन्हें तंबाकू नियंत्रण के लिए प्रभावी कानूनों जैसे- सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003, ई सिगरेट अधिनियम 2019 व हुक्का प्रतिबंध हेतू राज्य द्वारा संसोधित अधिनियम सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धाराओं व प्रावधानों के बारे में बताते हुए राज्य को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।

इसके अलावा प्रतिभागियों ने  जिले में क्रियान्वयन हेतु राज्य द्वारा तय रणनितिया जैसे तम्बाकू मुक्त कार्यालय व तम्बाकू मुक्त षिक्षण संस्थान, तंबाकू नशामुक्ति केन्द्र और उसके क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी भी हासिल की।

राष्ट्रीय तम्बाकू नियत्रंण कार्यक्रम के अंर्तगत गठित जिला कार्यान्वयन समिति को राष्ट्रीय तम्बाकू नियत्रंण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के उद्देश्य एवं संरचना की जानकारी प्रदान करते हुए राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने “तंबाकू नियंत्रण की दिशा में राज्यस्तरीय कार्यों, तंबाकू नियत्रंण कार्यक्रम के राज्य में की जा रही गतिविधियों तथा तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से उपस्थित हुए प्रतिभागियों से लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए जागरूक करने और उन्हें तंबाकू के सेवन को छोड़ने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया, ताकि राज्य में तंबाकू सेवन छोड़ने वालों की संख्या बढ़ सके।“

इस मौके पर रायपुर डेंटल कॉलेज की सह प्राध्यापक एवं मास्टर ट्रेनर स्टेट टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम डॉ. शिल्पा जैन ने बताया तंबाकू के सेवन के खतरों को हम जानते हैं फिर भी हम मानते नहीं हैं। तम्बाकू विक्रेता अप्रत्यक्ष रूप से इसका प्रचार भी करते हैं जिससे युवा पीढी विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चे इसकी तरफ आकर्षित होती है। यह जानलेवा पदार्थ आसानी से उन तक पहुंच जाता है। इससे कैंसर और अन्य गम्भीर बीमारियां बढ़ रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि ना सिर्फ धूम्रपान करने वाला व्यक्ति बल्कि धूम्रपान नहीं करने वाले व्यक्ति को भी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए हमें टीसीसी सेंटर ( तंबाकू नशामुक्ति केन्द्र) में बेहतर काउंसिलिंग करने, आने वाले लोगों को लगातार फॉलोअप करने और उनके परिवार के लोगों को भी तंबाकू की लत को छोड़ने के लिए प्रेरित करना जरूरी है।  इस दौरान डॉ. जैन ने बड़े ही प्रभावी तरीके से प्रेजेंटेशन के माध्यम से तंबाकू की लत रूपी रावण को समाज से मिटाने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने को जरूरी बताया।

प्रशिक्षण के दौरान राज्य द्वारा जारी निर्देष के अनुरूप एकल बिडी/सिगरेट का विक्रय, सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 कोटपा की धारा 7 के उल्लंधन माना जाने और इसके लिए जारी वैधानीक चित्रात्मक चैतावनी का अनुपालन सुनिष्चित करने व उक्त उल्लंधन के अनुपालन हेतु प्रवर्तन दल द्वारा कार्यवाही कैसे किया जाना है, इसपर भी विस्तार से विषय विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला गया।

इस दौरान द यूनियन संस्थान के सीनियर तकनीकि एडवाइजर डॉ. अमित यादव ने राज्य में तंबाकू नियंत्रण के लिए तम्बाकू नियंत्रण के लिए कानूनी प्रावधानों जैसे कोटपा एक्ट-2003, कोटपा छत्तीसगढ़ (संशोधन) अधिनियम-2021 तथा ई-सिगरेट पर प्रतिबंध कानून-2019 का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने  के लिए किए जा रहे प्रयासों को और भी प्रभावी तरीके से करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “सामूहिक सहभागिता, स्वनिर्णय क्षमता और कार्यकुशलता के बल पर तंबाकू नियंत्रण प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। इसके लिए खुद जागरूक होने और तंबाकू नियंत्रण के प्रति लोगों को भी जागरूक करने की क्षमता विकसित करना जरूरी है।“

इस दौरान राज्य सलाहकार राज्य तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. नेहा साहू ने राज्य में तंबाकू उत्पाद बिक्री और इससे उपजी समस्याओं के बारे में तो वहीं राज्य तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की राज्य विधिक सलाहकार ख्याति जैन राज्य में तंबाकू नियंत्रण गतिविधियों , कोटपा अधिनियम एवं  तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला।  वहीं एसएचआरसी के प्रबोध नंदा ने मितानिन कार्यक्रम के बारे में और सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के  निखिल शुल्का ने तंबाकू पर रायपुर में किए गए शोध के संबंध में जानकारी साझा की।

 प्रशिक्षण में ब्लूमबर्ग परियोजना के संजय नामदेव , प्रकाश श्रीवास्तव ने  राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की रिपोर्टिंग एमआईएस में किए जाने , वहीं विलेश राउत एवं आशीष सिंह ने टोबैको मॉनिटरिंग एप एवं तम्बाकु मुक्त शैक्षणिक संस्थाओं की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।

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