अभी अभी आये थे पार्टी में, अति उत्साह में लताड़े गये पार्टी में, अनुशासन के चाबुक ने उतारा उम्मीदवारी का नशा, रातों रात फ्लैक्सी में चिपकी पार्टी की टैग लाईन “अब नहीं सहेंगें, बदल कर रहेंगें”
September 17, 2023प्रदेश मे सत्ता परिवर्तन के लिये निकली भाजपा की परिवर्तन यात्रा –2 ने अपनी ही पार्टी के नेताजी के राजनैतिक भविष्य में पलक झपकते कर दिया परिवर्तन
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी
परिवर्तन यात्रा में गिरी बिजली ने भाजपा के संभावित प्रत्याशी का आशियाना ही उजाड़ दिया। नये नये भाजपा में आये नेताजी सह अधिकारी महोदय शायद भाजपा की संस्कृति से प्रवेश से पहले परिचित नही थे, इसलिये भाजपा के अनुशासन का चाबुक बहुत जल्दी उन पर पड़ गया। परिवर्तन यात्रा का सबसे बड़ा तात्कालिक असर नेताजी की फ्लैक्सी पर पड़ा। जिससे यह कहावत चरितार्थ होती है कि ‘‘मूड़ मूडाते ही ओले पड़े‘‘। अपने इस कृत्य के लिये नेताजी अपनी ही पार्टी में बुरी तरह लताड़े गये और आनन फानन में फ्लैक्सी में करना पड़ा परिवर्तन।
कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13 से बुरी तरह पराजय का सुख भोग चुके नेताजी किसी भी प्रकार विधायक बनने की अपनी इच्छा पूर्ण करने के लिये घनघोर विपरित विचारधारा की पार्टी भाजपा का भी दामन थामना स्वीकार कर लिये। टिकट की चाह में उतावले हुए नेताजी भूल गये कि जिस दल में आये है उसमें अनुशासन बहुत मायने रखता है। अपनी महत्वकांक्षा की पूर्ति की आपाधापी में नेताजी को इसे अनदेखा करना बहुत भारी पड़ा और भरे समारोह के बीच अपनी उम्मीदवारी की स्व स्फूर्त घोषणा को पार्टी की टेग लाईन अब नही सहेंगें, बदल कर रहेंगें के नीचे दफ़न करना पड़ गया। इस कृत्य ने नेताजी को इस चुनावी परिदृश्य में निकली भाजपा की परिवर्तन यात्रा से ही अदृश्य कर दिया। अब न नेताजी की फ्लैक्सी और न ही नेताजी नज़र आ रहे है।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13 में कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार रहे ये नेताजी पूर्व में वन विभाग में बड़े पद पर रहकर सेवा निवृत हुए है। सेवाकाल से ही राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिये कांग्रेस के सहारे प्रयासरत थे। सौभाग्य से इस पार्टी से इन्हे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने का भी अवसर मिल गया था लेकिन, चुनाव में मिली पराजय ने यह एहसास करा दिया कि इस पार्टी की नाव में सवार होकर चुनाव की वैतरणी पार नही की जा सकती है। जोगी कांग्रेस का दामन थामने के बावजूद दस वर्ष के बाद नेताजी को मिले तत्वज्ञान ने या इनके राजनैतिक सलाहकारों ने चुनावी वैतरणी पार करने के लिये भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने का ज्ञान दे दिया। बहूत ज्यादा उतावलेपन के कारण नेताजी पार्टी द्वारा स्वयं को प्रत्याशी घोषित करने के पूर्व ही स्व स्फूर्त घोषणा कर बैठे और नगर सहित पूरे क्षेत्र में परिवर्तन यात्रा के दौरान पार्टी से अपनी अधिकृत उम्मीदवारी की घोषणा करती हुई फ्लैक्सी लगा बैठे। नेताजी के इस कदम ने उनके राजनैतिक भविष्य को अकाल मृत्यु का शिकार बना दिया। अब लोग पूछ रहे है- अब तेरा क्या होगा………??