सभी महत्वपूर्ण अपराधों में विवेचना का स्तर सुधारने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन : माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय, तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के मुख्य आतिथ्य में हुआ विवेचकों का प्रशिक्षण, विवेचना में हो रही त्रुटियों और आ रही दिक्कतों पर हुई चर्चा और दिया गया मार्गदर्शन !

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आरोपियों की गिरफ़्तारी के संबंध में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जारी दिशा निर्देशों के संबंध आयोजित की गई एक दिवसीय कार्यशाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभा कक्ष में

आबकारी विभाग के सभी अधिकारी व लोक अभियोजन अधिकारीगण भी हुए कार्यशाला में सम्मिलित

07 वर्ष अथवा 07 वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है उन प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरनेश कुमार वि. बिहार राज्य के प्रकरण में निर्णय पारित किये गये है, जिसके संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर-चांपा : दिनांक 21 सितंबर 23 दिन गुरूवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभा कक्ष जांजगीर में आरोपियों की गिरफ़्तारी के संबंध में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जारी दिशा निर्देशों के संबंध में आयोजित की गई कार्यशाला विषय पर विवेचकों का “एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया.”

श्री सुरेश सोनी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय ने अपने उद्बोधन में बाल अपराध, पाक्सो एक्ट, एन.डी.पी.एस. एक्ट, सायबर क्राइम के संबधित अपराध विवेचना में जानकारी देते हुए आरोपियों के गिरफ्तार करने के संबंध में विवेचना में होने वाली त्रुटियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

श्री सर्व विजय अग्रवाल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय जांजगीर ने अपने उद्बोधन में बिना और वारंट के बिना किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है के संबंध में जानकारी दिया गया तथा 07 वर्ष अथवा 07 वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है, उन प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपीलार्थी अरनेश कुमार वि. बिहार राज्य के प्रकरण में निर्णय पारित किये गयें है, जिसके संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है। फैसले में गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग करते समय व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने के महत्व पर जोर दिया गया। किसी को गिरफ्तार करते समय, पुलिस कर्मियों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि गिरफ्तारी स्वतंत्रता को सीमित करती है, अपमान प्रदान करती है और स्थायी निशान छोड़ जाती है। इसके अतिरिक्त, विवेचना अधिकारियों को अरनेश कुमार दिशा निर्देशों के बारे में पालन करना और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पुलिस अधीक्षक द्वारा अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित कर आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम का सफल संचालन श्री अनिल सोनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं श्रीमती अर्चना झा अति अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (IUCAW) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री सुरेश साहू उप संचालक अभियोजन, श्री राजेश पाण्डेय जिला लोक अभियोजक जांजगीर, श्री दिनकर वासनिक जिला आबकारी वृत्त जांजगीर के साथ आबकारी विभाग के अधिकारीगण व लोक अभियोजन अधिकारीगण भी कार्यशाला में सम्मिलित हुए। जिले के सभी थाना/चौकियों प्रभारी, विवेचकगण उपस्थित रहे।

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