हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में ऊर्जा कानून पर प्रथम सम्मेलन संपन्न

हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में ऊर्जा कानून पर प्रथम सम्मेलन संपन्न

November 6, 2023 Off By Samdarshi News

एम्पोवेरिंग इंडिया’स एनर्जी फ्यूचर : नेविगेटिंग द लीगल लैंडस्केप” विषय रहा सम्मेलन का

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर       

हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एचएनएलयू) ने 5 नवंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (सीएसईआरसी) और वोल्टर्स क्लूवर के साथ नॉलेज पार्टनर के रूप में ऊर्जा कानून पर अपना पहला राष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न किया। सम्मेलन का विषय था “एम्पोवेरिंग इंडिया’स एनर्जी फ्यूचर : नेविगेटिंग द लीगल लैंडस्केप” । सम्मेलन का उद्देश्य भारत के ऊर्जा क्षेत्र को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के लिए विधि विशेषज्ञों, विद्वानों और क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को एक साझा मंच पर लाना था। 

इस कार्यक्रम ने ऊर्जा क्षेत्र में अंतर्दृष्टि साझा करने, सहयोग को बढ़ावा देने और चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने के लिए एक गतिशील मंच प्रदान किया। सम्मेलन में 22 विश्वविद्यालयों के 63 प्रतिभागियों सहित कुल 38 टीमों ने भाग लिया।

उद्घाटन दिवस पर ऊर्जा क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें मुख्य अतिथि के रूप में सीएसईआरसी के अध्यक्ष श्री हेमंत वर्मा और विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएसईआरसी के लोकपाल श्री नूरदीन तिगाला शामिल थे। ‘एब्स्ट्रैक्ट बुक’ के अनावरण पश्चात्  उनकी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि ने पुरे कार्यक्रम  के लिए एक उत्साहजनक माहौल तैयार किया।

“डिकोडिंग पावर परचेस एग्रीमेंट्स एंड पी पी पी इन इंडिया : रेगुलेटरी एंड मार्किट इनसाइट्स ” विषय पर एक पैनल चर्चा हुई, जिसका संचालन डॉ. दीपक श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर और डीन (यूजी), एचएनएलयू) ने  किया, जिसमें श्री  एम.जी. रामचन्द्रन (वरिष्ठ अधिवक्ता, भारत का सर्वोच्च न्यायालय), श्री संजय सेन (वरिष्ठ अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, कोलकाता), श्री मनु श्रीवास्तव (आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश सरकार), श्री पी.एस. दत्ता गुप्ता (कॉर्पोरेट मामलों के प्रमुख, सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड), और श्री अभिनव कार्देकर (संस्थापक भागीदार, अभिनव कार्देकर और पार्टनर्स) शामिल थे।

तकनीकी सत्र जहां प्रतिभागियों ने अपने पेपर प्रस्तुत किए, जिसकी अध्यक्षता डॉ. राणा नवनीत रॉय (एसोसिएट प्रोफेसर),  डॉ. परवेश कुमार राजपूत (सहायक प्रोफेसर , एचएनएलयू), डॉ. दीपक दास (एसोसिएट प्रोफेसर , एचएनएलयू) ने की। डॉ. श्रद्धा पांडे ( एसोसिएट प्रोफेसर), सुश्री चांदनी हरिरामानी (सहायक प्रोफेसर, कलिंगा विश्वविद्यालय), और सुश्री फरहा मिन्हाज (सहायक प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी) ने गहन अन्वेषण की पेशकश की।

दूसरे दिन की शुरुआत तीन समानांतर तकनीकी सत्रों से हुई, जिनकी अध्यक्षता डॉ. पंकज उंबरकर (एसोसिएट प्रोफेसर, एचएनएलयू) और श्री प्रशांत कुमार (सहायक प्रोफेसर), डॉ. अंकित सिंह (सहायक प्रोफेसर, एचएनएलयू) और सुश्री ऐश्वर्या दीवान (प्रथम सिविल न्यायाधीश वर्ग- II बिलासपुर के न्यायालय के प्रथम अपर न्यायाधीश), और प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र के श्रीवास्तव (प्रोफेसर, एचएनएलयू) और डॉ. अतुल जयभाये (सहायक प्रोफेसर, एचएनएलयू) ने की।

इसके बाद दो पैनल चर्चाएं हुईं। सबसे पहले, “इंडिया’स एनर्जी सिक्योरिटी: बैलेंसिंग इन्क्लूसिवित्य, अफ्फोर्डेबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी ” पर एक पैनल का संचालन डॉ. कौमुधि चल्ला ( एसोसिएट प्रोफेसर, एचएनएलयू) द्वारा किया गया था, और सम्मानित पैनलिस्ट प्रोफेसर थे डॉ. साईराम भट्ट (प्रोफेसर, एनएलएसआईयू), डॉ. मनीष यादव (एसोसिएट प्रोफेसर, एनएलआईयू), और श्री विकास कुमार (प्रबंधक, एनटीपीसी लिमिटेड)।

दूसरा पैनल “भारत में नवाचार से एकीकरण तक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को आगे बढ़ाना” विषय पर केंद्रित था, और इसका संचालन डॉ. अविनाश सामल (सहायक प्रोफेसर और डीन (एसएम), एचएनएलयू) ने किया, जिसमे पैनलिस्ट श्री संतोष जानकीराम (पार्टनर, प्रमुख परियोजनाएं और सह-प्रमुख- वित्तीय संस्थान समूह, सीएएम)  –  सुश्री एन जोसी (फेलो, प्रयास (ऊर्जा समूह), श्री रश्मी रंजन पांडा (वकील, भारत का सर्वोच्च न्यायालय), श्री अनुराग दीवान (संयुक्त निदेशक, खनिज संसाधन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार) थे।

सम्मेलन का समापन सीएसईआरसी के अध्यक्ष श्री हेमन्त वर्मा और संयुक्त सचिव श्री अनुराग दीवान, खनन निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय,  की उपस्थिति में समापन समारोह के साथ हुआ।  समस्त अतिथियों का पौधे देकर स्वागत किया गया और श्री अमितेश देशमुख द्वारा सम्मेलन रिपोर्ट की प्रस्तुति की गई।

एचएनएलयू के माननीय कुलपति प्रो. डॉ. वीसी विवेकानंदन ने समस्त सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन ने गहन चर्चाओं को बढ़ावा दिया है और नवीन विचार उत्पन्न किए जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि “भारत का ऊर्जा भविष्य एक सामूहिक जिम्मेदारी है”।

श्री अनुराग दीवान ने खनन क्षेत्र में चुनौतियों पर प्रकाश डाला और जिला खनिज फाउंडेशन जैसी पहल की सराहना की। उन्होंने भारत की ऊर्जा मांगों को पूरा करने में छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। श्री हेमन्त वर्मा ने ऊर्जा स्रोतों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, विशेष रूप से बिजली को विनियमित करने में चुनौतियों को पहचानने पर। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के योगदान से एक उज्जवल, टिकाऊ भविष्य बनेगा।

यह समारोह एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ एचएनएलयू और सीएसईआरसी के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। समारोह का एक और महत्वपूर्ण आकर्षण प्रथम हिदायतुल्ला अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का अनावरण था।

प्रत्येक तकनीकी सत्र से सर्वश्रेष्ठ पेपर को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया। यह सम्मान पाने वाले प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार हैं:

1. तकनीकी सत्र 1 ए: श्रीआचार्य मिश्रा और रुद्रांश सिंह राजपूत

2. तकनीकी सत्र 1 बी: सेजल ठाकुर और वरालिका पिसिपति

3. तकनीकी सत्र 1 सी: साक्षी सूरज सुतार और ऋषभ दीप

4. तकनीकी सत्र 2 ए: त्रिशला दुबे और डॉ. मनीष यादव

5. तकनीकी सत्र 2 बी: मुकुल आर्य और अभिषेक सिन्हा

6. तकनीकी सत्र 2सी: विजय कुमार सिंह एवं डॉ. राणा नवनीत

डॉ. अनिन्ध्य तिवारी ने सम्मेलन को सफल बनाने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए सभी प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने सीएसईआरसी के बहुमूल्य समर्थन और डॉ. योगेन्द्र के श्रीवास्तव और एचएनएलयू के रजिस्ट्रार डॉ. विपन कुमार के मार्गदर्शन के प्रति आभार प्रकट किया।