जिले के पीवीटीजी को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू, 9 केन्द्रीय मंत्रालयों की 11 महत्वपूर्ण योजनाओं का होगा शत प्रतिशत क्रियान्वयन

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समदर्शी न्यूज़, अम्बिकापुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में उत्तरोत्तर सुधार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय योजना की शुरूआत की गई है। जिससे परिवारों का त्वरित गति से विकास सुनिश्चित किया जा सके। इसमें सामुदायिक अधोसंरचनाओं में सुधार के साथ सामाजिक और आर्थिक स्तर में उन्नयन के साथ ही प्रत्येक परिवार को शासकीय योजना का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाना है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 15 जनवरी 2024 को विभिन्न राज्यों के जिले में पीवीटीजी लाभार्थियो के साथ संवाद किया जायेगा, जिसमें इस अवधि में हितग्राहीमूलक कार्यो में प्राप्त की गई उपलब्धियों तथा अन्य कार्यो की प्रगति पर चर्चा होगी। इस हेतु राज्य के 02 जिले सरगुजा एवं बलरामपुर के पीवीटीजी लाभार्थियों के साथ प्रधानमंत्री संवाद करेंगे।

इस संबंध में बुधवार को जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरगुजा जिले की स्थिति एवं आगामी कार्ययोजना की जानकारी ली गई। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने बताया कि जिले में 175 बसाहटें हैं। जिनमें 13 हजार से ज्यादा पीवीटीजी सुमदाय निवासरत हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के क्रियान्वयन हेतु सीईओ जिला पंचायत को नोडल अधिकारी एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रत्येक बसाहट में उपलब्ध सुविधाएं तथा आवश्यकता के आंकलन के आधार पर गैप चिन्हित कर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। इसमें बसाहटवार कार्ययोजना तैयार कर अभियान मोड में कैम्प आयोजित कर कार्यवाही सुनिश्चत किया जायेगी। इसके अतिरिक्त जिला स्थानीय कोआर्डीनेशन कमेटी एवं विकासखण्ड स्तर पर टीम का गठन सहित जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत गैर शासकीय संगठनों के कार्यों को पंक्तिबध्द कराया जा रहा है। कलेक्टर श्री कुन्दन ने सभी विभागों को प्राथमिकता के साथ इस मिशन का क्रियान्वयन करने निर्देशित किया है।

गौरतलब है कि इस अभियान के तहत 9 केन्द्रीय मंत्रालयो के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा जिसमें  पक्के घर का प्रावधान, संपर्क सड़के, नल से जल/समुदाय आधारित पेयजल, मोबाईल मेडिकल यूनिट, छात्रावासों का निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्रो के माध्यम से पोषण, बहु-उद्देशीय केन्द्रो का निर्माण, घरो का विद्युतीकरण ग्रिड तथा सोलर पावर के माध्यम से, वनधन केन्द्रों की स्थापना, इंटरनेट तथा मोबाईल सर्विस की उपलब्धता, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास शामिल है। पीवीटीजी बसाहटों में उक्त मिशन का क्रियान्वयन तीन वर्ष की अवधि में पूर्ण कर सभी बसाहटों को उपरोक्त 11 गतिविधियों में आवश्यकतानुसार पूर्णतः कवर किया जाना है।

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