हसदेव वन कटाई क़े विरोध में हो रहे आंदोलन में शामिल होने पहुँचे पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, उनके साथ सैकड़ों की संख्या में गए थे कांग्रेसजन भी.

समदर्शी न्यूज़ – रायपुर : जब विधानसभा के चुनाव हो रहे थे, तब राहुल गांधी जी ने कहा था ईवीएम पर बटन कमल का दबेगा तो वीवीपैट से अडानी निकलेगा। राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही यह कथन सत्य साबित होने लगा है। भाजपा सरकार द्वारा अडानी के हितों को सवंर्धित करने के लिये राज्य के जल, जंगल, जमीन खनिज संपदा को अडानी को सौंपना शुरू कर दिया गया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू की जा चुकी है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके है, तीन लाख पेड़ कटेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपनी सरकार के पाप को छुपाने के लिये कहते हैं, हसदेव में कटाई के आदेश पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने दिये थे, जबकि हकीकत यह है कि यहां पर कटाई के लिये आदेश और पर्यावरण स्वीकृत केंद्र की मोदी सरकार ने दिया था तथा कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य के स्तर पर निरस्त कर दिया था तथा केंद्र में भी इसे निरस्त करने के लिये पत्र लिखा था। 31 अक्टूबर 2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा से भी कांग्रेस सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों को निरस्त किया जाये।

लेमरू एलिफेंट कारीडोर में मोदी सरकार के द्वारा आवंटित कोयला खदानों के खिलाफ भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते किसी के आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद अडानी को फायदा पहुंचाने पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है।

भाजपा सरकार के बनते ही हसदेव में वन की कटाई से इस सरकार की नीयत और भविष्य की कार्ययोजना स्पष्ट झलक है। यह सरकार अडानी के लिये, अडानी के हितों के लिये चलने वाली है। इसका जनता से कुछ लेना देना नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री को चेहरा बनाकर अडानी के लिए छत्तीसगढ़ के जल, जंगल और जमीन को लूटने का काम कर रही है। सरकार बनने के साथ ही हसदेव में जंगल की कटाई शुरू होना इसका प्रमाण है।

हसदेव अरण्य में कोयला खदान के लिए वनों की कटाई के विरोध में ग्रामीण आदिवासियों के आंदोलन को समर्थन देने ग्राम हरिहरपुर के धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा यहां डबल इंजन की सरकार है। मुख्यमंत्री भी आदिवासी हैं। यदि वे आदिवासियों के सच्चे हितैषी हैं तो लगाएं एक फोन प्रधानमंत्री को और कहें कि आदिवासियों के हित में खदान निरस्त कर दें। मैं खुद आदिवासी हूं और आदिवासियों के संघर्ष से वाकिफ हूं। हमने बस्तर में आदिवासियों की लड़ाई लड़ी है। नगरनार स्टील प्लांट के लिए लम्बा संघर्ष किया। 2018 में हमारी सरकार बनी और सात दिन के भीतर किसानों को उनकी जमीन वापस देने का आदेश हो गया। नंदराज पहाड़ी को बचाने के लिए आंदोलन का सार्थक परिणाम मिला है। बस्तर और और सरगुजा में समानता है। दोनों आदिवासी बाहुल्य है, दोनों जगह खनिज प्रचुर मात्रा में हैं। दोनों क्षेत्र की जनता ने भाजपा को समर्थन दिया। हम सब खुश थे, हमारे बीच का एक आदिवासी छत्तीसगढ़ की सत्ता में बैठा है, मगर अफसोस कि आदिवासी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ है।

हसदेव की लड़ाई सिर्फ सोशल मीडिया या सरगुजा के आदिवासियों तक सीमित है। हम सबको मिलकर इस लड़ाई को हर जिले हर गांव तक पहुँचाना है। कांग्रेस पार्टी हसदेव अरण्य को बचाने की लड़ाई में आदिवासियों के साथ है।

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