हसदेव अरण्य में जंगल कटाई पर तत्काल रोक लगाई जाए खदान निरस्त हो, हसदेव अरण्य में तेज़ी से कट रहे जंगल पर भाजपा अपनी स्थिति स्पष्ट करें – सुशील आनंद शुक्ला

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समदर्शी न्यूज़, रायपुर : हसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगलों की कटाई तत्काल रोकने और खदान की नीलामी को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आदिवासी हितैषी होने का ढोंग करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता, भाजपा सरकार बनते ही तेजी से कट रहे हसदेव अरण्य के जंगलों पर अपना स्टैंड क्लियर करें। छत्तीसगढ़ के समृद्ध पर्यावरण और देश का फेफड़ा कहलाने वाला हसदेव अरण्य का सौदा आखिर भाजपाईयों के किस स्वार्थ के चलते किया? नो-गो एरिया में वनों की कटाई साय सरकार की मजबूरी है या मुनाफाखोरी?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के संरक्षण में अडानी की कंपनी हसदेव अरण्य में जंगलों की कटाई कर रहा है। हसदेव को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे आदिवासियों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पुलिस गिरफ्तार कर जेल में बंद कर रही है, उन्हें डराया जा रहा है, धमकाया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है राज्य का मुखिया आदिवासी होने के बावजूद भी आदिवासियों की मांग को सुना नहीं जा रहा है। वन मंत्री केदार कश्यप को फाइल देखने की आवश्यकता नहीं है, कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित कर हसदेव अरण्य क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा कोल खनन के लिए जो नीलामी किया गया है उसे निरस्त करने की मांग की गई है। कांग्रेस के सरकार ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में वन कटाई पर कड़ाई से रोक लगाई थी, भाजपा के सरकार बनते ही अडानी सरकारी बंदूक के नोक पर आदिवासियों को डरा धमका कर जंगलों को काट रहा है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार अडानी के हितों को सवंर्धित करने के लिये राज्य के जल, जंगल, जमीन खनिज संपदा को अडानी को सौपना शुरू कर दिया गया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू की जा चुकी है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके है।यहां पर कटाई के लिये आदेश और पर्यावरण स्वीकृत केंद्र की मोदी सरकार ने दिया था तब कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य के स्तर पर निरस्त कर दिया था तथा केंद्र में भी इसे निरस्त करने के लिये पत्र लिखा था। 31.10.2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा से भी कांग्रेस सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों को निरस्त किया जाये।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते किसी के आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद अडानी को फायदा पहुंचाने पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है।

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