समदर्शी न्यूज़, जशपुर : पीरामल फाउंडेशन के अनामय कार्यक्रम के अन्तर्गत आदिवासी परम्परागत वैद्य को चिन्हित कर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता एवं रेफ़रल को मज़बूती प्रदान करने के लिए वैद्यों की क्षमता वर्धन के लिए कार्य किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज जशपुर एवं मनोरा विकाशखण्ड के 30 चिन्हित वैद्य जो जड़ी बूटी से सामान्य बीमारी, हड्डी रोग, पीलिया, जोड़ों के दर्द के उपचार के लिए सेवाएँ प्रदान कर रहे है। उन वैद्य को ज़िला वनमंडलाधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में प्रमाणपत्र के लिए परीक्षा का आयोजन क्वालिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया नईदिल्ली के द्वारा चयनित पर्सनल सर्टिफ़िकेशन बॉडी सेंटर फॉर ट्रेड टेस्टिंग एंड सर्टिफ़िकेशन के द्वारा किया गया। परीक्षा क्वालिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया नईदिल्ली के मार्गदर्शन में सीटीटीसी के द्वारा वैद्यों की मौखिक प्रश्नोत्तरी एवं वन औषधि पहचान, बीमारी एवं उपचार की प्रक्रिया, जड़ीबूटी का रखरखाव एवं संरक्षण के लिए प्रक्रिया को विस्तार से जाँच करता दल के विशेषयज्ञों के द्वारा लिया गया।
गतिबिधि में सीटीटीसी के चेयरमैन, डायरेक्टर, अयुर्वेदाचार्य एवं आयुष चिकित्सक के दल ने किया। कार्यक्रम में पीरामल स्वास्थ्य से राज्य कार्यक्रम संचालक डॉ. अभिषेक गुप्ता, कार्यक्रम प्रबंधक दिग्विजय कुमार, स्मिता दीक्षित एवं ज़िला जशपुर में पीरामल स्वास्थ्य के राजेश शुक्ला, मोनिस फ़ैज़, संतोष सोन, निपुण नयन, भोला साहू, नूपुर तिवारी की सक्रिय सहभागिता से सम्पन्न हुआ।