टोकन और तौलाई में हिला-हवाला से धान खरीदी की रफ़्तार हुई धीमी, व्यवस्था दुरुस्त कर खरीदी की तारीख बढ़ाए सरकार !

टोकन और तौलाई में हिला-हवाला से धान खरीदी की रफ़्तार हुई धीमी, व्यवस्था दुरुस्त कर खरीदी की तारीख बढ़ाए सरकार !

January 18, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – रायपुर : धान खरीदी का लक्ष्य और तिथि बढ़ाने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरीष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही प्रदेश में टोकन जारी करने की व्यवस्था से लेकर तौलाई और संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव भी धीमा हो गया है। किसानों का शोषण और किसान विरोधी षड्यंत्र ही भाजपा का मूल चरित्र है। पूर्ववर्ती सरकार ने खरीफ सीजन 2023-24 के लिए 20 क्विटंल प्रति एकड़ की दर से खरीदी करने के लिए कुल लक्ष्य 135 से 140 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया था। विष्णुदेव सरकार ने एक तरफ तो 21 क्विटंल प्रति एकड़ खरीदी का आदेश जारी किया, लेकिन दुर्भावनापूर्वक कुल धान खरीदी का लक्ष्य घटाकर 130 लाख मीट्रिक टन कर दिया। किसानों से धान की कम खरीदी करने के लिए ही षडयंत्रपूर्वक टोकन जारी करने में कोताही बरती जा रही है। तौलाई की रफ्तार भी दुर्भावनापूर्वक घटा दी गई है। 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से 32.99 लाख़ हेक्टेयर पंजीकृत रकबा पर 170 लाख़ मिट्रिक टन का संशोधित लक्ष्य तय करे साय सरकार।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि लगभग 7 लाख किसान अब तक अपना धान नहीं बेच पाए हैं। अनेकों धान खरीदी केंद्रों में टोकन और तौलाई के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही है। भाजपा सरकार की दुर्भावना और अव्यवस्था के चलते ही किसान तकलीफ़ पा रहे हैं। साय सरकार व्यवस्था सुधारने के बजाय लक्ष्य घटाकर किसानों के हक का गला घोंट रही हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि धान और किसान भाजपा के लिए केवल चुनावी लिहाज़ से ही जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता बताएं कि 3100/- रूपये प्रति क्विंटल की दर से गांव में ही भुगतान कब मिलेगा। पिछ्ले खरीफ़ सीजन की न्याय योजना का चौथा किस्त जिसका बजट प्रावधान पूर्ववर्ती सरकार ने किया है, उसे कब देंगे या हड़पने की साज़िश है। भाजपा के तमाम वादे और दावे चुनाव जीतने के बाद जुमला हो जाता है। जिस तरह से 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का वादा था। 2014 में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू कर सी-2 फार्मूले पर 50% प्रतिशत लाभ देकर एमएसपी तय करने की गारंटी दी गई थी, जिस तरह से एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए कमेटी बनाने का वादा था, इस तरह छत्तीसगढ़ में 3100/- रूपये का वादा करके 2183/- रूपये दे रहे हैं, 917/- रूपये प्रति क्विटंल किसानों के जेब में डकैती डालने वाले भाजपाई छत्तीसगढ़ में अब धान खरीदी की रफ़्तार धीमी कर किसानों को धान बेचने से भी वंचित कर रहे हैं। 21 क्विटंल प्रति एकड़ के हिसाब से संशोधित लक्ष्य निर्धारित कर टोकन और तौलाई की व्यवस्था दुरुस्त करें, धान खरीदी की समय सीमा कम से कम एक महीना बढ़ाएं।