नवीन भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के विस्तृत ज्ञान हेतु जिले के राजपत्रित अधिकारी, थाना, चौकी प्रभारी एवं विवेचकों की एक दिवसीय कार्यशाला पुलिस लाईन जांजगीर में पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा ली गई !
January 22, 2024पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा कार्यशाला के दौरान विवेचकों को नवीन भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं को प्रोजेक्टर (पीपीटी) के माध्यम् से दिखाकर प्रशिक्षित किया गया.
कार्यशाला में उपस्थित विवेचकों को मॉब लिचिंग भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) IPC धारा 302 हत्या के लिए दण्ड के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई.
गैर इरादतन हत्या जो हत्या की श्रेणी में नहीं आती है, के लिए सजा BNS के धारा 105 एवं IPC धारा 304 निर्धारित सजा, यदि आरोपी पुलिस को मामले की रिपोर्ट करता है और पीड़ित को चिकित्सा उपचार के लिए अस्पताल ले जाता है तो कम सजा होती है के संबंध में बारिकी से जानकारी दी गई.
संगठित अपराध सिंडिकेट BNS के धारा 111 का अर्थ दो या दो से अधिक व्यक्तियों का एक समुह जो अकेले या संयुक्त रूप से एक सिंडिकेट या गिरोह के रूप में किसी भी निरंतर गैर कानूनी गतिविधि में शामिल होते हैं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई.
विवेचना/जांच दौरान ली जाने वाली तलाशी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई.
धारा 27 साक्ष्य अधिनियम के तहत ली जाने वाली मेमोरण्डम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई.
थाना/चौकी प्रभारियों को प्राप्त शिकायतों का 07 दिवस के भीतर आवश्यक रूप से निकाल करने हेतु निर्देशित किया गया.
थाना/चौकी प्रभारी को प्रतिदिन रोलकॉल/गणना में उपस्थित अधिकारी/कर्मचारी को नवीन कानून के संबंध में रोलकॉल/गणना उपरान्त 15 मिनट विस्तार से ब्रीफ/प्रशिक्षित करने हेतु निर्देशित किया गया.
पुलिस अधीक्षक जाजंगीर द्वारा नवीन भारतीय न्याय संहिता (BNS) की पुस्तक थाना/चौकी प्रभारियों को प्रदाय की गई है.
समदर्शी न्यूज़ – जांजगीर-चाम्पा : मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 21 जनवरी 2024 को पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा द्वारा जिले के राजपत्रित अधिकारी, थाना/चौकी प्रभारी एवं विवेचकों की नवीन भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के विस्तृत ज्ञान हेतु एक दिवसीय कार्यशाला पुलिस लाईन जांजगीर में आयोजित की गई जिसमें बिन्दुवार जानकारी देते हुए विस्तृत जानकारी दी गई।
बर्तमान में प्रचलित भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता शीघ्र ही प्रभावशील किया जाना प्रस्तावित है। कार्य शाला के दौरान पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा उपस्थित विवेचकों को विस्तृत जानकारी दी गई। भारतीय न्याय संहिता 26 जनवरी से देश के कुछ विकसित जिलों में प्रभावशील होगी, इसके बाद धीरे- धीरे सभी राज्यों में प्रभावशील होगा। जांजगीर-चांपा जिले में पूर्व प्रचलित भारतीय दंड संहिता, अपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता व साक्ष्य अधिनियम ही प्रचलन में रहेंगे किंतु नये भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान सभी विवेचकों, पुलिसकर्मियों को होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिकांश अपराधों को आईपीसी से अलग रखती है। उन्होंने विस्तार पूर्वक भारतीय न्याय संहिता के अनुसार परिवर्तित होने वाली आईपीसी, सीआरपीसी की धाराओं की जानकारी विवेचकों को दी और विवेचकों के मन में उठ रहे प्रश्नों के जवाब दिये गये।
इस प्रकार की कार्यशाला विवेचकों के लिए लाभकारी होती है। भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान होना पुलिसकर्मियों के लिए अति आवश्यक है, इसके अतिरिक्त स्वयं भी भारतीय न्याय संहिता से जुड़ी विषय वस्तु का संकलन करें, आने वाले समय में सभी पुलिसकर्मियों के लिए बहुपयोगी होगा।
इस कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, एसडीओपी चाम्पा यदुमणि सिदार, एसडीओपी जांजगीर प्रदीप कुमार सोरी, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय जांजगीर विजय पैंकरा, प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक संगम राम, रक्षित निरीक्षक प्रदीप कुमार जोशी, स्टेनो राजेंद्र श्रीवास, मुख्यलिपिक दिनेश शर्मा, रीडर-1 राजेंद्र क्षत्रिय, सहायक उपनिरीक्षक (अ) कृष्ण साहू एवं जिले के थाना/चौकी प्रभारी एवं विवेचकगण उपस्थित रहे।