छत्तीसगढ़ की झांकी में शामिल लोक-कलाकारों ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से की मुलाकात : देशभर के झांकी और लोक-कलाकारों के प्रदर्शन की हुई सराहना
January 28, 2024बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार पर आधारित थी छत्तीसगढ़ की झांकी
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आज राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर के आदिम जनसंसद मुरिया दरबार में शामिल लोक कलाकारों ने मुलाकात की। राष्ट्रपति ने प्रदेश की झांकी और सभी कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की। राष्ट्रपति से मुलाकात करने राष्ट्रपति भवन पहुंचे कलाकारों ने भी इस खास मौके पर अपनी खुशी जाहिर की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी शुभकामनाओं के साथ झांकी में शामिल कलाकारों को छत्तीसगढ़ से नई दिल्ली रवाना किया था।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सभी राज्यों से आए कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड देश की नारी शक्ति को समर्पित है। देश के विभिन्न राज्यों की झांकियों में विकसित और सशक्त भारत की झलक दिखी। छत्तीसगढ़ की झांकी में लोकतंत्र की जननी विषय पर जनजातियों की आदिम संसद का प्रदर्शन किया गया था। इससे देश के अन्य राज्यों को भी जनजाति समाज की परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों की जानकारी मिली होगी। लोकतंत्र की आदिम व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को भी इस झांकी में प्रमुखता से दिखाया गया था।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में भारत की अनेकता में एकता का दर्शन देश-दुनिया ने किया है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार एक-दूसरे राज्यों के रीति-रिवाज और वहां के सांस्कृतिक वैभव से परिचित हुए होंगे। छत्तीसगढ़ की अपनी अलग पहचान और विशिष्ट परंपराएं हैं जिसके बारे में देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को भी जानकारियां मिली होंगी। आप सब कलाकारों ने अन्य राज्यों से आए सांस्कृतिक दलों से बहुत कुछ सीखा होगा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कलाकारों से कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया के लिए एक मिसाल बने इसके लिए हमें सांस्कृतिक विरासत को भावी पीढ़ी को सौंपना होगा, यह दायित्व आप सब पर है।