विधानसभा में गौ तस्करी को लेकर उठाए गए सवाल पर साय सरकार का मौन, भाजपा की संलिप्तता का प्रमाण है – पूर्व मंत्री एवं विधायक उमेश पटेल
February 15, 2024भाजपाइयों के संरक्षण से गौ तस्कर बेलगाम, उल्टे गौ-तस्करी को रोकने वाले गौरक्षको के खिलाफ कार्रवाई करने रामविचार नेताम का बयान बेशर्मी की पराकाष्ठा है
समदर्शी न्यूज़, रायपुर : राजधानी रायपुर में हुए गौ तस्करी के मामले को लेकर पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि भाजपा की सरकार गौ हत्यारी सरकार है। भाजपा की सरकार आते ही तस्करी होने लगे, गौ माता पर अत्याचार का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया। इन गौ तस्करों के गिरोह को भाजपा सरकार का संरक्षण है, इसलिए अब तक न कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही किसी की ज़िम्मेदारी तय किया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रदेश के गृहमंत्री इतने संवेदनशील विषय पर विधानसभा में पुछे गए सवाल पर जवाब देते से बच रहे हैं, चर्चा से भाग रहे हैं, जवाबदेही और बयान देने से तक भाग रहे हैं। बात-बात पर सीबीआई जांच का धौंस दिखाने वाले भाजपाई यह बताएं कि छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आते ही गौतस्करी कैसे होने लगी है? गौ तस्करी की जांच सीबीआई से कब करवाएंगे?
पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने विष्णुदेव साय सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार पूरे मामले की लीपा-पोती करने में जुटी हुई है। नेशनल हाईवे पर लगभग 100 गायों से भरा बड़ा कंटेनर जिसमें आगे पीछे अलग-अलग फर्जी नंबर लगे हो बिना संरक्षण के इस तरह से गौ तस्करी नहीं कर सकते है। 100 से अधिक गाएं एक ही कंटेनर से निकाली गई, जिसमें से 13 गायों की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन गूंगी-बहरी साय सरकार गौ तस्करों पर कार्यवाही करने के बजाय गौरक्षकों के खिलाफ ही बयान बाजी कर रहे हैं। इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम का बयान बेशर्मी की पराकाष्ठा है, उन्होंने उल्टे गौतस्करी को रोकने वाले गौ रक्षको के खिलीफ कार्यवाही की बात कह कर भाजपा की मिलीभगत और गौ तस्करों को संरक्षण देने के षड़यंत्र को प्रमाणित करता है।
पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने गठानों के माध्यम से गौ माता के सेवा की व्यवस्था बनाई। 10894 गोठान संचालित किये जिसमें चारे पानी की व्यवस्था की गई, “पैरादान महाअभियान“ जैसे कार्यक्रम चलाकर आम जनता को सहभागिता और गौसेवा के लिए प्रेरित किया। 3 लाख 50 हजार एकड़ से अधिक जमीन गौ माता की सेवा के लिए आरक्षित किए। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है, जिसनें गौ सेवा को धरातल पर उतार कर दिखाया है। दुर्भावना और पूर्वाग्रह से ग्रसित भारतीय जनता पार्टी की सरकार के पास गौ माता के सरंक्षण और संवर्धन के लिए अपनी कोई व्यवस्था/योजना नहीं है। सुराजी ग्राम योजना और गोठानों के लिए साय सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि इतिहास गवाह है कि जब-जब भाजपा की सरकार आती है गौ माता पर अत्याचार बढ़ जाते हैं, 2008 से 18 के बीच 1667 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला हुआ, 115 गौशालयों को प्रतिदिन 28 लाख़ 75 हजार चारे के लिए दिए गए, 15 साल में 1560 करोड़ रूपया, 20 हजार रुपए पशुओं के दवा के लिए हर माह प्रति गौशाला अर्थात 15 साल में 41 करोड़ 50 लाख रुपए दवा के लिए, शैड और बिजली जैसी सुविधाओं के लिए 76 करोड रुपए, इसके साथ लगभग 1 हज़ार एकड़ सरकारी जमीन इन संघी भाजपाईयों के द्वारा संचालित गौशालयों पर लुटाए गए, लेकिन वहां चारा पानी क्या भाव में गाय मरती रही और संघ की भाजपाई मोटे होते गए। मुंगेली में 34 गाएं एक साथ मार दी गई थीं, मंदिर हसौद, चंदखुरी, दुर्ग, धमधा, राजपुर, रंहांगपुर, शगुन गौशाला, मयूरी गौशाला, सेठ फूलचंद गौशाला जैसे अनेकों मामले सर्वविदित हैं। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 15 साल के कुशासन में छत्तीसगढ़ में 17000 से अधिक गए भूख प्यास में मार दी गई थी।
पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में हो रहे गौ तस्करी मामले में हाल ही में हारे हुये भाजपा के एक पूर्व विधायक और बहुत बड़े नेता के संलिप्तता की चर्चा है। जिस तरह से विगत दिनों मध्यप्रदेश में बालाघाट, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं की संलिप्तता गौ तस्करी के मामले में पायी गई है, उस दिशा में छत्तीसगढ़ में भी जांच किया जाए। पूरे देश में भाजपा का यही चरित्र है बूच़डखानों से सर्वाधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी को जाता है सबसे बड़े निर्यातक और आधुनिक बूचड़खाने भाजपा शासित राज्य में ही फल-पल रहे हैं उत्तर प्रदेश और हरियाणा बीफ निर्यात का केंद्र बना हुआ है। अब छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनते ही गौ तस्करी तेज हो गई। छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक ही कंटेनर में 100 से अधिक गायों के पकड़े जाने का यह पहला मामला है। जरा भी नैतिकता है तो शायद सरकार पूरे मामले की सीबीआई जांच करें।