चुनावी बांड को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर : चुनावी बांड मोदी सरकार का बहुत बड़ा घोटाला, रिश्वत, उगाही और कमीशनखोरी का माध्यम – सुशील आनंद शुक्ला

चुनावी बांड को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर : चुनावी बांड मोदी सरकार का बहुत बड़ा घोटाला, रिश्वत, उगाही और कमीशनखोरी का माध्यम – सुशील आनंद शुक्ला

February 15, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि अनैतिक तरीके से केवल अपना आर्थिक हित साधने भाजपा की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए इलेक्टोरल बांड पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कांग्रेस के आरोपी पर मोहर है। सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले से प्रमाणीत है कि चुनावी बांड मोदी सरकार का बड़ा घोटाला है। चुनावी बांड जारी करने वाले बैंक आरबीआई के नियंत्रण में काम करते हैं, जो केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन होता है। कौन सी कंपनी किस राजनीतिक दल को चुनावी बांड के माध्यम से कितना धन दे रही है उसकी पूरी जानकारी आरबीआई के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को होती थी। केवल अपने राजनीतिक हित और विरोधी पार्टियों के हितों के खिलाफ षडयंत्र करने यह कानून केंद्र की मोदी सरकार ने दुर्भावना पूर्वक लाया था। कॉर्पोरेट को नियंत्रित करने, दबाव पूर्वक वसूली का हथियार केंद्र की मोदी सरकार में इलेक्टरल बॉन्ड का कानून बनाकर लाया गया था। एक तरह से केंद्र की मोदी सरकार बड़े कॉर्पोरेट घरानों से रिश्वत, जबरिया उगाही और कमीशनखोरी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कर रही थी, षडयंत्र उजागर हो ।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है पारदर्शिता और संवैधानिक व्यवस्था से भाजपा को परहेज है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से भाजपा का षड़यंत्र उजागर हुआ है। चुनावी बांड योजना स्पष्ट तौर पर सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना आरटीआई के उद्देश्य के विपरीत है। जिस तरह से मोदी सरकार ने पहले आरबीआई का रिजर्व सरप्लस दबाव पूर्वक ले लिए, फिर पीएम केयर फंड को सीएजी और आरटीआई के दायरे से बाहर किया उसके बाद चुनावी बांड का कानून लाकर कॉर्पोरेट से मिलीभगत और जबरिया वसूली करने के षड़यंत्र पर परदेदारी करने के लिये चुनावी बांड का अनैतिक कानून लाए। सर्वोच्च न्यायालय में चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है और जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। चुनावी बॉन्ड का डाटा जारी होने से भाजपा का भ्रष्टाचार उजागर होगा। चर्चा है कि विगत 6 वर्षों में केवल चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को 6500 करोड़ से ज्यादा प्राप्त हुआ है, देने वालों के नाम के खुलासे और उसके एवज में मोदी और भाजपा शासित राज्य सरकारों में उनको मिले अनैतिक लाभ भी उजागर होंगे।