मंत्री अमरजीत भगत दिल्ली में खाद्य मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक में हुए सम्मिलित : कम्यूनिटी किचन के बारे में दिए कई उपयोगी सुझाव, केन्द्रीय खाद्य मंत्री को ‘छत्तीसगढ़ मॉडल पीडीएस’ की दी जानकारी

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जूट बारदाने की पर्याप्त आपूर्ति, एच.डी.पी.ई. बारदानों में चावल जमा कराने की अनुमति देने का आग्रह

छत्तीसगढ़ से उसना चावल लेने का अनुरोध, खाद्य मंत्रियों ने गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने ‘कम्यूनिटी किचन’ पर किया विचार-मंथन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने आज नई दिल्ली में ‘कम्यूनिटी किचन’ के सुचारू संचालन विषय पर आयोजित खाद्य मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक में शामिल हुए। मंत्री श्री भगत ने इस दौरान छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली, उचित मूल्य के दुकानों की संचालन व्यवस्था के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए ‘कम्यूनिटी किचन’ के सुचारू संचालन के संबंध में कई उपयोगी सुझाव दिए। श्री भगत ने छत्तीसगढ़ में मॉडल पीडीएस की अवधारणा के संबंध में भी केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल को जानकारी दी। श्री भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पीडीएस सिस्टम के अंतर्गत संचालित उचित मूल्य की दुकानों को जनसामान्य के लिए और अधिक उपयोगी बनाने के संबंध में उसके मॉडल स्वरूप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उचित मूल्य के दुकान के माध्यम से एक ही छत के नीचे किचन के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण एवं विक्रय के किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने से उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी और वह रियायती दर पर अपने दैनिक उपयोग की सामग्री प्राप्त कर सकेंगे। देेश के सभी राज्यों के खाद्य मंत्रियों के बैठक की अध्यक्षता केद्रीय खाद्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने की।

मंत्री श्री भगत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी हेतु छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा 2.14 लाख गठान जूट बारदाने की आपूर्ति की सहमति दी गई है, जिसमें से अब तक मात्र 1.31 लाख गठान बारदाने की ही आपूर्ति की गई है। छत्तीसगढ़ मंे इस वर्ष एक करोड़ पॉच लाख मीटरिक टन धान खरीदी का अनुमान है, जिसके विरूद्ध राज्य में 21 दिसम्बर तक 37 लाख मीटरिक टन अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 31 दिसम्बर सेे पहले छत्तीसगढ़ को शेष 83 हजार गठान बारदाने जूट कमिशनर के माध्यम से उपलब्ध कराने का आग्रह किया। श्री भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में चावल की कई किस्में अरवा मिलिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। राज्य में 416 उसना मिलें संचालित है, जिसकी मिलिंग क्षमता का उपयोग धान के निराकरण में आवश्यक है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 23 लाख टन उसना चावल भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपार्जित किए जाने का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल से छत्तीसगढ़ राज्य से उसना चावल लेने का अनुरोध किया।

खाद्य मंत्री श्री भगत ने केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल से कहा कि चालू खरीफ विपणन वर्ष में राज्य के धान खरीदी के अनुमान के विरूद्ध नये जूट बारदानों की सीमित आपूर्ति होने के कारण धान की कस्टम मिलिंग तथा भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा कराए जाने में समस्या उत्पन्न होने की आशंका है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा नये जूट बारदानों में चावल लिया जा रहा है। नए जूट बारदानों की कमी को ध्यान मे रखते हुए उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से एच.डी.पी.ई. बारदाने में भी एफसीआई में चावल जमा कराए जाने तथा आवश्यकतानुसार रेल्वे रैक मूवमेंट की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया।

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