भाजपा का सवाल : कांग्रेस और प्रदेश सरकार क्या सोनिया के इशारे पर प्रदेश में धर्मांतरण को राजनीतिक संरक्षण दे रही है ?

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा- अबूझमाड़ व जशपुरनगर की घटना से स्पष्ट है, प्रदेश सरकार धर्मांतरण के कुचक्र में संलिप्त संस्थाओं को प्रेरित कर रही है

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि बस्तर संभाग के अबूझमाड़ के आकाबेड़ा में सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले मतांतरण के विरोध में मंगलवार को सैकड़ों गाँवों के हज़ारों ग्रामीणों द्वारा किए गए प्रदर्शन और जशपुरनगर में बगीचा के ग्राम पासिया के आश्रित ग्राम सुखबासुपारा में जनजातीय सुरक्षा मंच के कड़े रुख से मतांतरण के ख़िलाफ़ हुए हंगामे के बाद चार धर्म प्रचारकों की गिरफ़्तारी से एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर प्रदेश सरकार की बदनीयती सामने आ गई है। श्री साय ने कहा कि इनसे स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ में लोगों को धर्मांतरण करने और कराने के लिए लोगों को और इस कुचक्र में संलिप्त संस्थाओं को दुष्प्रेरित कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने सवाल किया कि कांग्रेस और प्रदेश सरकार क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर प्रदेश में धर्मांतरण को राजनीतिक संरक्षण दे रही है? चूँकि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ईसाई हैं तो क्या पूरे छत्तीसगगढ़ को धर्मांतरित करके ईसाईगढ़ में तब्दील कर दिया जाएगा? श्री साय ने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे मतांतरण से यह आशंका भी घनीभूत हो रही है कि प्रदेश सरकार धर्मांतरण को संरक्षण देकर कांग्रेस का वोट बैंक बनाने के किसी टूलकिटिया एजेंडे पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार साफ़ करे कि किसके इशारे पर धर्मांतरण का यह कुचक्र चल रहा है? सुकमा एसपी के बाद बस्तर के कमिश्नर द्वारा भी बस्तर संभाग में धर्मांतरण के और भी संवेदनशील होने की आशंका व्यक्त कर कलेक्टरों को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए श्री साय ने कहा कि कमिश्नर का कलेक्टरों को इस मामले में पूरी गोपनीयता बरतते हुए प्रभावशाली तरीक़े से कार्रवाई करने का निर्देश प्रदेश सरकार को संज्ञान में लेकर धर्मांतरण की भयावहता को समझने की ज़रूरत है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि आदिवासियों के बीच धर्मांतरण का कुचक्र चला रहे लोग न केवल आदिवासी समाज की धर्मिक आस्थाओं, संस्कृति और परम्पराओं पर सीधा प्रहार कर रहे हैं, अपितु आदिवासी समाज को आपसी विद्वेष का शिकार बनाकर आपस में लड़ा भी रहे हैं। प्रदेश सरकार धर्मांतरण के लगातार सामने आ रहे मामलों और आदिवासी समाज के आंदोलनों को क़तई गंभीरता से लेकर कार्रवाई करती नहीं दिख रही है। श्री साय ने प्रदेश सरकार पर धर्मांतरण पर रोक लगाने की ठोस पहल और धर्मांतरण में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इससे पहले बस्तर संभाग के ही कोयलीबेड़ा में सर्व आदिवासी समाज द्वारा धर्म-परिवर्तन के ख़िलाफ़ छेड़े गए अभियान का ज़िक़्र करते हुए श्री साय ने कहा कि अब तो आदिवासी समाज भी धर्मांतरण के विरुद्ध स्वस्फूर्त आंदोलन करने लगा है, रैली निकालकर और सभाओं के ज़रिए आदिवासी इलाक़ों को धर्मांतरण के कुचक्र का शिकार बनाए जाने के विरुद्ध मुखर हो रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि अपनी धार्मिक आस्थाओं, संस्कृति और परम्पराओं को बचाने आगे आ रहे आदिवासियों को अब न तो नक्सलियों का ख़ौफ़ रह गया है और न ही मिशनरियों का। मतांतरण का विरोध करने वालों से मिशनरियों के लोग मारपीट तक कर रहे हैं लेकिन इसकी रिपोर्ट के बावज़ूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाने से लोगों में गहन आक्रोश है। श्री साय ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज की धर्मांतरण के विरुद्ध रैली और सभा प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेताओं के उन दावों कोu झूठा साबित करने के लिए पर्याप्त है जिनमें वे धर्मांतरण को सिरे से ख़ारिज करके संघ-परिवार तथा भाजपा के ख़िलाफ़ अनर्गल विषवमन करते रहते हैं। श्री साय ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज ने प्रदेश सरकार को यह बता दिया है कि आदिवासी अब धर्मांतरण के कुचक्र का प्रहार नहीं सहेंगे। प्रदेश सरकार आदिवासी समाज के इस संदेश के निहितार्थ को समझें और धर्मांतरण को रोकने की दिशा में ठोस पहल करें।

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