चरित्र शंका पर पति ने पत्नि को टंगिया से मारकर हत्या कर हुआ था फरार : हत्या की सूचना पर पुलिस की त्वरित कार्यवाही, रिपोर्ट के महज 12 घंटों के भीतर ओरापी पति को किया गिरफ्तार

चरित्र शंका पर पति ने पत्नि को टंगिया से मारकर हत्या कर हुआ था फरार : हत्या की सूचना पर पुलिस की त्वरित कार्यवाही, रिपोर्ट के महज 12 घंटों के भीतर ओरापी पति को किया गिरफ्तार

March 27, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, बिलासपुर : मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 25.03.2024 को जरिये मोबाईल से सूचना मिला कि भरत चौक चिंगराजपारा में शिवचरण साहू के मकान में किराये में रहने वाले मुकेश साहू और उसकी पत्नि श्वेता कौशिक रहते हैं जो प्रेम विवाह किये हैं दिनांक 25.03.2024 को होली त्यौहार मनाने के बाद दोनों के बीच में भोर में करीब 2:00 बजे विवाद हुआ। पति-पत्नी के बीच का सामान्य विवाद मानकर पड़ोसियों ने नज़रअंदाज़ कर दिया। सुबह उनके मकान में ताला लगा था और चाबी वहीं रखी हुई थी। आशंकित होने पर पड़ोसियों ने दरवाजा खोलकर देखा तो श्वेता कौशिक मृत हालात में बिस्तर पर पड़ी है और सिर में चोट लगी है। घटना की सूचना दोपहर लगभग 1 बजे थाना प्रभारी को प्राप्त हुई।

मामले की गंभीरता को देखते हुये तत्काल सूचना तस्दीक कर घटना के संबंध में तत्काल पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह (भापुसे), अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) उमेश कश्यप एवं नगर पुलिस अधीक्षक सरकण्डा सिद्धार्थ बघेल को दी गई। पूछताछ पर श्वेता कौशिक के पति मुकेश साहू द्वारा हत्या किया जाना पता चला। जिसपर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आरोपी को तत्काल धरपकड कर गिरफ्तार करने के निर्देश प्राप्त हुए, जिसके परिपालन में थाना प्रभारी सरकंडा द्वारा तत्काल एक विशेष टीम तैयार कर आरोपी की लास्ट लोकेशन नागपुर के लिये टीम तैयार कर रवाना किया गया।

आरोपी को मोबाइल लोकेशन के आधार पर विशेष टीम द्वारा रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से कोरबा-यशवंतपुर एक्सप्रेस से पकड़ा गया। आरोपी मुकेश साहू से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए, पत्नि पर चरित्र शंका करना पर दिनांक 26.03.2024 के भोर में विवाद होने पर मृतिका श्वेता कौशिक पर गुस्से में आकर टंगिया से मारकर हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी को माननीय न्यायालय द्वारा न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।

आरोपी को पकड़ने में उपनिरीक्षक कृष्णा साहू, प्रधान आरक्षक प्रमोद सिंह, आरक्षक राकेश यादव, आरक्षक विकास यादव एवं आरक्षक रविशंकर यादव का विशेष योगदान रहा।