कांग्रेस की खुद अपनी कोई गारंटी नहीं रही, वो जनता को गारंटी दे रही हैं – शिवरतन शर्मा

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समदर्शी न्यूज़, रायपुर : लोकसभा चुनाव के लिए आज कांग्रेस पार्टी ने देश के लोगों के लिए पांच न्याय और पच्चीस गारंटी दी हैं इसे महज चुनावी सब्जबाग दिखाना करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि ने कांग्रेस की देश में अपनी कोई साख नहीं बची हैं अब वो देश की जनता को पांच न्याय की और पच्चीस गारंटी दे रही हैं ये महज़ चुनावी सब्जबाग दिखाने के अलावा कुछ भी नहीं है। झूठ परोसना कांग्रेस की फितरत में ही हैं। अपने अस्तित्व की तलाश में भटक रही कांग्रेस पार्टी को देश की जनता से इस तरह के झूठे वादे नहीं करना चाहिए। 50 वर्षों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस पार्टी सिर्फ गांधी परिवार की सेवा-सत्कार में लगी रही। जनता के दुःख – तकलीफों से इनका कोई सरोकार नहीं रहा। सत्ता सुख भोगते – भोगते कांग्रेसी शायद यह भूल गए कि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन हैं कभी लोकसभा में चार सौ सीटें जीतने वाली कांग्रेस आज दहाई के आंकड़े तक सिमट कर रह गई है।

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने कहा कि देश ने 10 साल यूपीए सरकार के शासन को भी देखा है जब सारे फैसले दस जनपथ से पूछकर लिए जाते थे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और घोटालों में इनके सारे बड़े नेता लिप्त रहे। आखिर किस मुंह से कांग्रेस देश की जनता ‌के पास वोट मांगने जाएगी। क्योंकि कांग्रेस के पास न कोई नीति है और न ही विकास कार्य करने की नियत। वर्ष 2014 का वो स्वर्णिम काल आया जब एक गरीब मां का बेटा नरेन्द्र मोदी भारत देश का प्रधान सेवक बना और देश आज सफलता की ऊंचाईयों को छू रहा हैं। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ही नीतियों का ही असर है कि आज हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और बहुत जल्द तीसरे पायदान पर पहुंच जाएंगे और भारत देश विश्व गुरु बनेगा। देश में सिर्फ एक ही गारंटी चलती हैं और वो है मोदी जी की गारंटी। इनकी गारंटी के आगे सभी की गारंटी कहीं भी नहीं टिकतीं हैं। क्योंकि देश की जनता यह अच्छी तरह से जानती है कि मोदी जी जो कहते हैं उसे जरूर पूरा करते हैं। आज जब कांग्रेस पार्टी अपने अस्तित्व को तलाश रही हैं और जब  मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी का अकेले मुकाबला नहीं ‌कर पायी तो  सारे भ्रष्टाचारियों को ‌अपने साथ लेकर इंडी ( घमडिया) गठबंधन बना लिया। सारे विरोधी एक हो गए और इनके गठबंधन में ही कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई है ।

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