अंधे कत्ल का खुलासा कर चौकी करंजी पुलिस ने पिता की हत्या करने वाले बेटे को किया गिरफ्तार, सुनसान जगह ले जाकर हत्या की वारदात को दिया था अंजाम !

अंधे कत्ल का खुलासा कर चौकी करंजी पुलिस ने पिता की हत्या करने वाले बेटे को किया गिरफ्तार, सुनसान जगह ले जाकर हत्या की वारदात को दिया था अंजाम !

April 14, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – सूरजपुर : दिनांक 12 अप्रैल 2024 को चौकी करंजी क्षेत्र के अन्तर्गत रेलवे साईडिंग करंजी से झुमरपारा मार्ग पर मृतक सुकुल साय राजवाड़े पिता महिपत उम्र 48 वर्ष ग्राम दतिमा को अज्ञात व्यक्ति के द्वारा गला काटकर हत्या करना पाए जाने से प्रार्थी विक्रम राजवाड़े की रिपोर्ट पर चौकी करंजी थाना विश्रामपुर में अपराध क्रमांक 92/24 धारा 302 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया था।

घटना की सूचना मिलते ही उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस.पैंकरा, परिवीक्षाधीन डीएसपी स्निग्धा सलामे, थाना विश्रामपुर व जयनगर की पुलिस सहित एफएसएल व डॉग स्क्वॉयड की टीम को मौके पर भेजते हुए बारीकी से साक्ष्य संकलन करने व अज्ञात आरोपी की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए।

मौके पर पहुंचे पुलिस टीम के द्वारा घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर घटना में प्रयुक्त टांगी जप्त की गई थी। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस टीम को मृतक के पुत्र विक्रम राजवाड़े पर प्रथम दृष्टया अपराध का घटित करने का संदेह होने पर उसे पकड़ा गया। बारीकी से पूछताछ पर उसने बताया कि वर्ष 2014 में बाबा महिपत द्वारा जमीन बिक्री किए थे, जिसका 1 लाख रूपये पिता सुकुल साय के नाम पर बैंक में जमा कर फिक्स किए थे, जो घर में शादी विवाह व परिवार की आवश्यकता पड़ने पर उस पैसे को निकाल कर उपयोग किया जा सके। पिछले साल इसका विवाह तय हुआ था, शादी के लिए पिता को बैंक से पैसा निकालने के लिए बोला तो पिता बोले कि पैसा नहीं है, बैंक से पैसा निकाल कर खर्च कर दिया हूं। पैसे की कमी से पिछले साल इसका विवाह नहीं हो पाया, इस वर्ष पिता के द्वारा मेरा विवाह तय किए थे, किन्तु लड़की पसंद नहीं थी, विवाह करने से मना करने पर पिता के द्वारा अपने मर्जी से विवाह की तारीख 21 अप्रैल रख दिए थे।

विवाह के लिए पिता फिर से जमीन बिक्री करने को बोले थे, इसी बात को लेकर दिनांक 11 अप्रैल 24 के शाम को झगड़ा विवाद हुआ था, उसी बात को लेकर पिता की हत्या करने का योजना बनाया था। पिता हाइड्रोसिल बीमारी का जंगली जड़ी बुटी देकर ईलाज करते थे, पिता की हत्या करने के लिए सुनसान जगह की तलाश कर रहा था, तो अपने दोस्त को हाइड्रोसिल बीमारी का दवा चाहिए का बहाना कर के अपने पिता को बोलकर साथ दवा लाने के लिए बोला था, तब इसके पिता तैयार हो गए और बोले कि सुबह भोर में मुझे उठाकर जड़ी-बुटी लेने ले चलना। तब यह योजना के अनुसार 12 अप्रैल के भोर करीब 3:10 बजे अपने मोबाईल से पिता को फोन लगाकर जगाया और घर में रखे टांगी को जिसे इसके पिता जड़ी-बुटी काटते थे, को लेकर घर से निकला और कुछ देर बाद इसके पिता घर से बिना नंबर के होण्डा मोटर सायकल में आए तब यह पीछे बैठ गया।

अपने पिता को बहाना से सुनसान जगह घटना स्थल की ओर चलने को कहा जैसे ही वहां पहुंचे तो यह मौका पाकर मोटर सायकल को रूकवाया और रोकते ही विक्रम अपने हाथ में रखे टांगी से अपने पिता के गर्दन व चेहरा में कई प्रहार कर हत्या कर दिया और मोटर सायकल को उसके उपर गिरा दिया और टांगी को खेत के पास छुपाकर पैदल अपने घर आ गया। मामले में आरोपी विक्रम राजवाड़े पिता स्वर्गीय सुकुल साय राजवाड़े उम्र 23 वर्ष ग्राम दतिमा के विरूद्ध अपराध सबूत पाए जाने पर उसे गिरफ्तार किया गया।

इस प्रकरण की कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी विश्रामपुर अलरिक लकड़ा, चौकी प्रभारी करंजी अरूण गुप्ता, एएसआई राकेश यादव, एएसआई मनोज द्धिवेदी, एएसआई वरूण तिवारी, प्रधान आरक्षक रामनिवास तिवारी, प्रधान आरक्षक राजकुमार सिंह, प्रधान आरक्षक विकास सिंह, आरक्षक युवराज यादव, आरक्षक मितेश मिश्रा, आरक्षक जितेन्द्र सिंह, आरक्षक दीपक सिंह, आरक्षक ज्ञानेन्द्र परमार, आरक्षक दीपक किस्पोट्टा, आरक्षक लालमन राजवाड़े, आरक्षक जेम्स कुजूर व महिला आरक्षक पूनम सिंह सक्रिय रहे।