चाक परियोजना को बंद करना दुर्भाग्यजनक, भाजपा नहीं चाहती कि बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले – धनंजय सिंह ठाकुर

चाक परियोजना को बंद करना दुर्भाग्यजनक, भाजपा नहीं चाहती कि बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले – धनंजय सिंह ठाकुर

April 19, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के द्वारा चाक  परियोजना को बंद करना प्रदेश के नौनिहाल और बच्चों के साथ अन्याय है इस योजना से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलती निशुल्क अंग्रेजी की शिक्षा मिलती स्कूल में सुविधा बढ़ती। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के स्कूलों का कायाकल्प करने चाक परियोजना की शुरुआत की थी जिसे साय  सरकार ने बंद करके प्रदेश के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा और अच्छे स्कूलों की सुविधा से वंचित कर दिया है। चाक परियोजना के लिए कांग्रेस की सरकार ने 400 करोड रुपए का प्रावधान किया था इस परियोजना के तहत आने वाले 5 वर्षों में विश्व बैंक से लगभग ढाई हजार करोड़  रुपए की सहायता मिलती. जिससे प्रदेश के स्कूलों मरम्मत एवं  नई बिल्डिंग बनती,शिक्षकों को  उपयुक्त प्रशिक्षण मिलता. हायर सेकेंडरी स्तर की कक्षाओं के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग होता और उच्च क्वालिटी के टेस्ट आइटम, आईसीटी एवं विज्ञान प्रयोगशाला स्मार्ट क्लास जैसे सुविधाये बच्चों को मिलती।

 प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा  की सरकार गरीब बच्चों को निशुल्क और गुणवत्ताहीन शिक्षा से दूर करना चाहती है भाजपा की सरकार शिक्षा का बाजारीकरण करने की दिशा में काम कर रही है. इसीलिए चाक परियोजना को बंद किया गया. पूर्व के रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश के 3000 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं की गईं थी। चाक परियोजना को बंद करके एक बार और फिर वही दौर भाजपा की सरकार लाने जा रही.

 प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के सरकार के दौरान निशुल्क शिक्षा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के लिए काम किया गया। रमन सरकार के दौरान बंद स्कूलों को खोला गया. शिक्षकों के नियमित भर्ती की गई. प्रदेश में 700 से अधिक आत्मानंद योजना के माध्यम से अंग्रेजी एवं हिंदी स्कूल खोले गए थे जिसमें लगभग 4 लाख 50 हजार से अधिक बच्चे पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त कर रहे है और 500 से अधिक आत्मानंद योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का प्रस्तावित था जिसे साय सरकार ने बंद कर दिया।