कथित धर्म-संसद मामले में मुख्यमंत्री अपने गले में पड़े साँप को भाजपा के गले में डालने की शर्मनाक कोशिश न करें : भाजपा
December 27, 2021समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि राजधानी के रावणभाठा मैदान में हुई धर्म संसद मुख्यता कांग्रेस संसद थी क्योंकि आयोजन मे कॉंग्रेस के बड़े बड़े नेता है जिसमें महात्मा गांधी के प्रति कही गई अशिष्ट बातों से पल्ला झाड़कर कांग्रेस के लोग अब एक नए राजनीतिक पाखंड का प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले में भाजपा के मौन की चिंता न करें और अपने गले में पड़े साँप को भाजपा के गले में डालने की अनैतिक और शर्मनाक कोशिश न करें। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल पहले तो यह बताएँ कि वे अपने पिता नंदकुमार बघेल की हिन्दू देवी-देवताओं और भगवान राम के विरुद्ध की जाने वाली टिप्पणियों को लेकर क्यों मौन साधे बैठे रहते हैं?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि संघ-परिवार और भाजपा के कार्यकर्ता महात्मा गांधी के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं और सत्ता की राजनीति के लिए गांधी के नाम का इस्तेमाल नहीं करते। कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र के तराजू पर वे भाजपा की राजनीतिक संस्कृति को तौलने की भूल कदापि न करें। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि तथाकथित कांग्रेसी धर्म संसद में महात्मा गांधी के अपमान पर वक्ता पर तो एफआईआर कर दी गई लेकिन कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार स्पष्ट करे कि यह आयोजन किसने रखा था और महात्मा गांधी के अपमान के लिए इस कथित धर्म संसद के आयोजकों के ख़िलाफ़ एफआईआआर नहीं कराके प्रदेश सरकार और कांग्रेस आयोजकों को बचाने में क्यों लगी है? श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजक तो कांग्रेस और प्रदेश सरकार के लोग ही थे, आयोजन स्थल पर स्वयं मुख्यमंत्री बघेल का चित्र लगा था।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मतातंतरण के लगातार सामने आ रहे मामलों और कवर्धा मामले में अपने हिन्दू विरोधी राजनीतिक चरित्र के बेनक़ाब होने के बाद से बौखलाई कांग्रेस लगातार दुष्प्रचार करके बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को आहत और नित-नए राजनीतिक पाखंड करने में लगी है। राम के नाम पर ज़हर उगलते कांग्रेस नेता आज एकाएक हिन्दू और रामभक्त बनने का डोंग कर रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी में धर्म संसद का आयोजन कांग्रेस के इसी राजनीतिक पाखंड का प्रदर्शन था, जिसमें बुलाए गए एक वक्ता द्वारा महात्मा गांधी का किया गया अपमान अब कांग्रेस के गले की हड्डी बन गया है। वक्ता के साथ कांग्रेस और प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम के आयोजकों के नाम प्रदेश के सामने सार्वजनिक करके उनके ख़िलाफ़ भी एफआईआर कराए।