कालीचरण जैसे लोग आरएसएस की जहरीली विचारधारा पोषित – कांग्रेस

कालीचरण जैसे लोग आरएसएस की जहरीली विचारधारा पोषित – कांग्रेस

December 27, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, पाखंडी कालीचरण ने राष्ट्रद्रोह का काम किया है। उसने महात्मा गांधी पर नहीं भारत की आत्मा पर प्रहार करने का काम किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम  ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यजनक है कि गांधी जयंती पर खादी खरीदने की नौटंकी करने वाले भाजपाईयों के मुंह से पाखंडी कालीचरण के लिये निंदा के एक शब्द भी नहीं फूटा। भाजपा ने कालीचरण के द्वारा राष्ट्रपिता के संबंध में दिये गये अमर्यादित और अभद्र शब्दों की निंदा के लिये कोई भी अधिकृत बयान नहीं दिया। कालीचरण जैसों को आरएसएस भाजपा प्रश्रय देती है ताकि गांधी जी के प्रति उनकी जो नफरत है वह इन जैसों के माध्यम से फैलती रहे। भाजपा आरएसएस की जो फितरत है उसके अनुसार यह तय है भाजपा कालीचरण को आगे भी इस प्रकार के व्यवहार के लिये प्रोत्साहित करेगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कालीचरण जैसे लोग धर्म को आत्म प्रचार का माध्यम मात्र मानते है। आत्म प्रचार ही इन जैसे लोगों के अस्तित्व का आधार भी है। अपने प्रचार के लिये स्वयं को चर्चा में बनाये रखने के लिये कालीचरण जैसे लोग संविधान में दी गयी अभिव्यक्ति की आजादी का गलत फायदा उठाते है। महात्मा गांधी को गाली देकर देश में आरएसएस और भाजपा द्वारा तैयार की गयी एक जहरीली पीढ़ी की वाहवाही बटोरना और समाचार माध्यमों की सुर्खियों में रहना बहुत ही सरल माध्यम बना लिया गया है। गांधी की आलोचना करने के पहले गांधी विरोधियों को आत्म अवलोकन करना चाहिये इस देश के लिये इस समाज के लिये उनका व्यक्तिगत योगदान क्या है? क्या आपने गांधी का सहस्रांश भी कुछ योगदान समाज के देश के विकास के लिये किया है। पाखंडी लोग महात्मा गांधी और उनके मर्म को समझ नहीं सकते। गांधी और उनके संस्कारों में भारत और करोड़ो-करोड़ जन मन बसते है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिये व्यक्त किये गये अभद्र शब्द सिर्फ गांधी जी का अपमान नहीं यह भारत की आजादी की लड़ाई के महान सेनानियों का अपमान है। गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन हजारो हजार सेनानियों के प्रतीक है। जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। ऐसे रामभक्त थे महात्मा गांधी अंतिम समय में भी उनके मुंह से हे राम ही निकला था। गांधी के हत्यारे गोडसे को प्रणाम करने वाला व्यक्ति चाहे भगवा ध्वज लेकर नारे लगाये या भगवा पहन कर शिव स्त्रोत का वाचन करें वह सच्चा हिन्दू नहीं हो सकता।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि धर्म संसद वह मंच था जहां से सनातन धर्म के उत्थान देश की आध्यात्मिक और सामाजिक उन्नति पर चर्चा किया जाना सार्थक होता लेकिन दुर्भाग्य से धर्म संसद जैसे महत्वपूर्ण आयोजन के नाम पर जो कुछ किया गया वह सवर्था निंदनीय है। गांधी को गाली दो और समाचार माध्यमों की सुर्खियों में रहने की जो एक पतित परंपरा शुरू की गयी है वह उचित नहीं। सनातन हिन्दू धर्म इतना कमजोर नहीं कि उसे अपनी जड़ों को मजबूत करने के लिये हत्यारे नाथूराम गोडसे के जयकारे को लगाने की जरूरत पड़े। कालीचरण जैसे लोग हिन्दू सनातन धर्म के लिये भस्मासुर के समान है इन जैसे अधार्मिक और पाखंडी लोगों के बहिष्कार के लिये संत समाज को स्वयं आगे आना चाहिये। कालीचरण जैसे लोग हिन्दू धर्म के वो खरपतवार है जो सनातन धर्म के प्राचीन, वैभवशाली आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा को नष्ट करने का काम करते है।