आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खून जांच : संभावनाओं पर पैथोलॉजी विभाग में विचार-विमर्श

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से खून जांच : संभावनाओं पर पैथोलॉजी विभाग में विचार-विमर्श

May 9, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के पैथोलॉजी विभाग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में खून एवं मूत्र जांच की मशीन का प्रदर्शन किया गया। ए-आई आधारित कम्प्यूटेशनल पैथोलॉजी ने हाल ही में कई चिकित्सा क्षेत्रों में रोगियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल और निदान परीक्षणों की सटीकता और उपलब्धता दोनों को बढ़ाने की आशा जागृत की है। मशीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए खून और मूत्र सैंपल के माइकोस्कोपिक चित्रों को ऑटोमेट करता है और कृत्रिम विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार किया जाता है। इस मशीन से दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में प्रारंभिक जांच और निदान (डायग्नोसिस) में मदद मिल सकती है। चिकित्सा महाविद्यालयों के पैथोलॉजी विभाग में जहां सैम्पल्स की संख्या बहुत अधिक होती है, वहां कम समय में अधिक जांच संभव हो सकेंगे और यह शोध कार्यों में भी मददगार होगी। विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द नेरल ने बताया कि रोग निदान की इस आधुनिक प्रणाली से खून के तीनों अवयवों लाल रक्त, श्वेत रक्त कणिकाओं और प्लेटलेट्स संबंधित सभी बीमारियों की पहचान हो सकती है। प्रोफेसर राबिया परवीन सिद्दिकी ने कहा कि इससे रक्त संबंधित विभिन्न कैंसर्स ल्यूकिमिया में पाये जाने वाले अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं को पहचानने में आसानी होगी और इससे इमेजेज सुरक्षित रखे जा सकेंगे।

मशीन आटोमेटिक रूप से स्लाइड के संबंधित हिस्सों की हाई मैग्निफिकेशन माइकोस्कोपिक इमेजेज संग्रहित करती है और उन्हें क्लाउड प्लेटफार्म पर अपलोड करती है। इन इमेजेज का विश्लेषण कर परिणाम वेब ब्राउजर पर पैथोलाजिस्ट को दिया जाता है, जो रिपोर्ट को कहीं से भी कभी भी प्राप्त कर सकते हैं। पैथोलाजिस्ट एआई द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को पुनः परीक्षण करते हैं और फिर उसे प्रमाणित करते हैं। इस मशीन की कार्यप्रणाली के प्रदर्शन के समय प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. अरविन्द नेरल, प्राध्यापक डॉ. राबिया परवीन सिद्दिकी एवं अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक डॉ. चन्द्रकला जोशी, डॉ. वर्षा पाण्डेय, डॉ. अमित भारद्वाज, डॉ. विकास बाम्बेश्वर, डॉ. रीति शर्मा, डॉ. रूचि वर्मा, डॉ. अनुभव चन्द्राकर, डॉ. वनिता भास्कर, डॉ. सरोज कुमारी, डॉ. पुष्कर चौधरी, डॉ. मेघा वर्मा एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।