शादी का झांसा देकर जबरन दुष्कर्म के मामले में आरोपी को चंद घंटे में किया गया गिरफ्तार, कार्यवाही कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.

शादी का झांसा देकर जबरन दुष्कर्म के मामले में आरोपी को चंद घंटे में किया गया गिरफ्तार, कार्यवाही कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.

May 19, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – अंबिकापुर : सरगुजा पुलिस द्वारा जारी अभियान ‘ऑपरेशन विश्वास’ के तहत आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त संदेहियों/आरोपियों पर लगातार सख़्ती से कार्यवाही की जा रही हैं। इसी संदर्भ में प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि सूचक द्वारा दिनांक 19 मई 2024 को चौकी केरजू आकर सूचना दर्ज कराई गई थी कि घटना दिनांक 25 अप्रैल 2024 को प्रार्थी की लड़की अपने घर से बिना बताये कहीं चली गई थी, जो आसपास खोजने पर नहीं मिल रही हैं।

सूचक की रिपोर्ट पर पुलिस चौकी केरजू में गुम इंसान कायम कर युवती की खोजबीन की जा रही थी, कि दिनांक 13 मई 2024 को प्रार्थी की लड़की वापस अपने घर आ गई और युवती घर आने के बाद गुमसुम रहती थी। घर वालों के द्वारा पूछताछ करने पर बताई कि दिनांक 25 अप्रैल 2024 को ग्राम शेखरपुर थाना पत्थलगांव निवासी देवराज सेठी पिड़िता को शादी करने का झांसा देकर भगाकर ले गया था और लुडेग के जंगल में ले जाकर जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया और उसके बाद अन्य-अन्य जगह ले जाकर लगातार जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया गया हैं। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर मामले में पुलिस चौकी केरजू थाना सीतापुर में अपराध क्रमांक 155/24 धारा 366, 376 (2)(ढ) भा.द.वि. का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था, पुलिस टीम के सतत प्रयास से मामले के आरोपी की घेराबंदी कर पकड़कर पूछताछ किया गया। आरोपी द्वारा अपना नाम देवराज सेठी उम्र 21 वर्ष साकिन शेखरपुर थाना पत्थलगांव जिला जशपुर का होना बताया गया। आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर अपराध घटित किया जाना स्वीकार किया गया। आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त दोपहिया वाहन बरामद किया गया हैं, आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया हैं। इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही मे चौकी प्रभारी केरजू उपनिरीक्षक आर.एन.पटेल, प्रधान आरक्षक तीजलाल पैकरा, महिला आरक्षक पुष्पा लकड़ा, आरक्षक महेन्द्र नाग शामिल रहे।